उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में पटाखे सीज की कार्रवाई के दौरान अमानवीय व्यवहार कर रहे पुलिसकर्मी को एसएसपी ने लाइन हाजिर किया है. साथ ही पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को जब गलती का अहसास हुआ तो मासूम बच्ची के घर पहुंच पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने मासूम के साथ दिवाली मनाई.
हालांकि वीडियो वायरल होने से पहले पुलिस इस बच्ची की नहीं सुन रही थी और बच्ची पुलिस की गाड़ी पर सिर पटक कर अपने पिता को छोड़ने की गुहार लगा रही थी, जिसे खुर्जा पुलिस आतिशबाजी बिक्री के आरोप में हिरासत में लेकर जा रही थी.
असल में, बैन होने के बाद भी खुर्जा कोतवाली नगर के मुड़ाखेड़ा रोड दुकान पर गुरुवार को पटाखा बेचने की सूचना पर पहुंची पुलिस के साथ दुकानदारों की नोकझोंक हो गई. दुकानदारों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और अपनी गाड़ी में बैठा लिया. इसमें से एक दुकानदार को छुड़ाने के लिए उसकी मासूम बेटी पुलिस जीप में सिर पटकती रही, लेकिन पुलिस ने उसकी एक न सुनी और न ही पुलिस जीप में ड्राइवर सीट पर बैठे सिपाही ने सिर पटकने से बच्ची को रोकने की जहमत तक नहीं उठाई, बल्कि एक पुलिसकर्मी बच्ची को पुलिस जीप से अलग करने के लिए खींचता दिखाई दे रहा है.
अपने पिता को छुड़ाने के लिए बच्ची रोती-पीटती रही, पुलिसकर्मियों से गुहार लगाती रही. लेकिन बुलंदशहर पुलिस का दिल तक नहीं पसीजा, जबकि पिता ने कोई इतना बड़ा गुनाह नहीं किया कि बच्ची की पुकार न सुनी जा सके. बुलंदशहर की बेरहम पुलिस को मासूम बच्ची पर जरा भी रहम तक नहीं आया.
मगर वीडियो वायरल हुआ तो शासन में उच्च अधिकारियों के संज्ञान में मामला आया. पूछताछ शुरू हुई तो खुर्जा पुलिस बैकफुट पर आ गई. इसके बाद जिले के एसएसपी संतोष कुमार सिंह हरकत में आए और हेड कांस्टेबल ब्रजवीर को लाइन हाजिर कर दिया.
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वहीं जब पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को अपनी गलती का अहसास हुआ तो खुर्जा एसडीएम और सीओ सिटी मासूम बच्ची के घर दिवाली का त्योहार मनाने पहुंचे और बच्ची के घर में दीया जलाया और कुछ समय बच्ची के साथ बिताया ताकि मासूम के दिल दिमाग से पुलिस के प्रति गलत संदेश न जाए. सीओ सिटी ने बताया कि बच्ची के पिता को कुछ देर बाद ही थाने से जमानत पर रिहा कर दिया गया था.
खुर्जा के सीओ सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि पूरे मामले में पुलिस से संवेदनशील और मानवीय व्यवहार अपेक्षित था, जो उस समय नहीं दिखाई दिया था. बच्ची के दिल दिमाग पर पुलिस के प्रति गलत संदेश नहीं जाए इसलिए हम लोग बच्चे के घर गए और त्योहार सेलिब्रेट किया.