scorecardresearch
 

लखनऊ से भी उठी CAA वापसी की मांग, आंदोलन में रहीं महिलाओं की सरकार को चेतावनी

CAA: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसे ही किसान कानूनों को वापस लिए जाने का ऐलान किया, वैसे ही सीएए वापसी की मांग भी होने लगी. लखनऊ में प्रदर्शनकारी महिलाओं ने अपनी आवाज उठाते हुए कहा कि सरकार हमारी मांगों की सुनवाई करे.

Advertisement
X
लखनऊ में महिलाओं ने उठाई CAA और NRC को खत्म करने की मांग
लखनऊ में महिलाओं ने उठाई CAA और NRC को खत्म करने की मांग
स्टोरी हाइलाइट्स
  • प्रदर्शनकारी महिलाओं ने PM से की मांग
  • महिलाओं ने की सीएए वापस लेने की मांग

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने के ऐलान के बाद सीएए व एनआरसी (CAA-NRC) को लेकर भी आवाज उठ रही है. प्रोटेस्ट करने वाली महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीएए वापसी की मांग की है. लखनऊ में आंदोलन की अगुवाई करने वाली महिलाओं ने यह मांग उठाई है. इनमें सैयद उजमा परवीन, सदफ जफर सहित जैनब सिद्दीकी शामिल हैं.

Advertisement

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया है. पुराने लखनऊ की रहने वाली सैयद उजमा परवीन सीएए एनआरसी प्रोटेस्ट की मुख्य भूमिका में रहीं. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की है कि तीनों कृषि कानून वापस होने के साथ ही अब सीएए को भी वापस होना चाहिए. 

उन्होंने कहा कि अब सरकार अगर सीएए वापस नहीं लेगी तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा, जो पूरे देश में चलेगा. हमने इस आंदोलन की शुरुआत लखनऊ और शाहीनबाग से की थी. अब यह पूरे देश में फैलेगा.

सैयद उजमा परवीन ने कहा कि हम महिलाएं एक बड़ा प्रदर्शन करेंगी. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि अगर आप कानून वापस नहीं लेते हैं तो उसका खामियाजा आप को उठाना पड़ेगा. आंदोलन अब प्रदेश ही नहीं पूरे देश में एक बड़े लेवल पर होगा. इसलिए आप इस कानून को वापस लीजिए, जैसे कृषि कानून को वापस लिया.

Advertisement

यह भी पढ़ें: यूपी चुनाव: 'NRC-NPR लाए तो यहीं शाहीनबाग बना देंगे', बाराबंकी में ओवैसी का बयान

सदफ जफर को सीएए-एनआरसी प्रोटेस्ट के दौरान जेल भी जाना पड़ा था. इसके साथ ही परिवर्तन चौक पर हुए प्रदर्शन में पुलिस की लाठियां भी खाई थीं.

सदफ जफर ने कहा कि कृषि कानून के लिए किसानों से माफी मांगी जानी चाहिए, जिस तरीके से शाहीन बाग में बैठी महिलाओं पर जुल्म किया. उसको लेकर देश से माफी मांगी जानी चाहिए. उन महिलाओं से भी माफी मांगनी चाहिए, उनके सारे मुकदमे वापस लेने चाहिए. यह समझना चाहिए कि यहां तानाशाही नहीं है, यह लोकतांत्रिक देश है. 

गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन करेंगी महिलाएं

सदफ जफर ने कहा कि यहां लोकतंत्र है. नरेंद्र मोदी की सरकार को महिलाओं की किस्मत का फैसला करने का अधिकार नहीं है. जब-जब गलत तरीके से फैसले करेंगे, देश की जनता सड़क पर आएगी. गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन करेंगी. निश्चित रूप से जीतेंगी और सरकार को शर्मिंदगी महसूस होगी.

जैनब सिद्दीकी ने भी प्रदर्शन के दौरान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था, उनके मुताबिक, क्यों मुसलमानों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. सीएए एनआरसी क्यों वापस नहीं लिया जा रहा है. उनका भविष्य अंधकार की तरफ जा रहा है. इसलिए सरकार से अपील है कि इस कानून को वापस ले.

Advertisement
Advertisement