UP News: लखनऊ के हजरतगंज स्थित होटल लेवाना सूइट्स (Lucknow Levana Hotel) में हुए अग्निकांड मामले में होटल के राहुल अग्रवाल, रोहित अग्रवाल, पवन अग्रवाल और जीएम सागर श्रीवास्तव पर लापरवाही और गैर इरादतन हत्या का केस लगा है. चारों पर आईपीसी की धारा 304 और 308 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. राहुल अग्रवाल और रोहित अग्रवाल को पहले ही पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया था.
सोमवार शाम को फायर डिपार्टमेंट के डीआईजी आकाश कुलहरी ( DIG Fire Akash Kulhari ) होटल लेवाना में फिजिकल इंस्पेक्शन के लिए पहुंचे थे. डीआईजी ने करीब आधे घंटे तक होटल में फिजिकल इंस्पेक्शन किया है. इस दौरान डीआईजी आकाश कुल्हरी के साथ लखनऊ विकास प्राधिकरण की टीम भी मौजूद रही. डीआईजी का कहना है कि प्रांरभिक तौर पर घटनास्थल को देखने के लिए आया हूं. अब मंगलवार को फायर विभाग की तीन सदस्यीय टीम रीविजिट करेगी.
फायर डिपार्टमेंट ने डीआईजी आकाश कुलहरी, फायर विभाग के डायरेक्टर और सीएफओ वाराणसी की टीम गठित की है. यह टीम जिसे फैक्ट फाइडिंग कमेटी ( Fact Finding committee) कहा जा रहा है वो होटल में आग लगने के कारणों का पता लगाकर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी.
वहीं, होटल पहुंची एलडीए और लखनऊ पुलिस की टीम में होटल सीलिंग की कार्यवाही करने के लिए मेजरमेंट किया है. एलडीए ने होटल परिसर को सील करने का आदेश जारी कर दिया है.
इसके अलावा प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि स्थल पर अवैध निर्माण को संरक्षण देने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की जांच के लिए सचिव पवन कुमार गंगवार की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गयी है.
बता दें कि सोमवार सुबह करीब 7 बजे लेवाना होटल में आग लग गई थी. घटना के वक्त होटल के 18 कमरों में 35 लोग मौजूद थे. इस अग्निकांड में 4 लोगों की जान चली गई है और 7 लोगों का लखनऊ जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है. जिनका इलाज जारी है वे सभी ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं. लोगों के फेफड़ों में धुआं भर जाने के कारण सभी को सांस लेने में तकलीफ हो रही है.
होटल में हुए अग्निकांड को लेकर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाते हुए तुरंत जांच के आदेश दे दिए थे. योगी आदित्यनाथ ने अस्पताल पहुंच कर घायलों का हालचाल भी जाना. इस हादसे में कई लोग ऐसे भी थे जो होटल की खिड़की तोड़कर किसी तरह पाइप के सहारे से नीचे उतरे और खुद की जान को बचाया.
सर्वाइवर्स ने बताई पूरी कहानी
होटल में फंसे लोगों ने बताया कि उन लोगों की मदद के लिए होटल के कर्मचारी नहीं आए थे. वे किसी तरह खुद की जान बचा सके. खिड़की से बाहर देखा तो लोग आग-आग चिल्ला रहे थे. आग लगने के बाद भी होटल में कोई फायर अलार्म नहीं बजा था. सर्वाइवर्स की माने तो होटल प्रबंधन की तरफ से न केवल नियमों की अनदेखी की गई, बल्कि गेस्ट की जान बचाने में भी कोताही बरती गई.