गुजरात की अहमदाबाद जेल में बंद फूलपुर के पूर्व सांसद अतीक अहमद की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रहीं. बाहुबली नेता के लखनऊ और प्रयागराज स्थित 6 ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की थी. अतीक की ससुराल में भी छापेमारी हुई थी. सीबीआई ने देर शाम को अतीक के साले को गिरफ्तार कर लिया था.
गुरुवार के दिन जकी को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया. गुरुवार को सीबीआई के डिप्टी एसपी प्रशांत श्रीवास्तव ने जकी को न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की. कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया. जकी की गिरफ्तारी लखनऊ के प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल को अगवा कराकर जेल में मारने-पीटने और उससे जबरिया रंगदारी वसूलने के एक आपराधिक मामले में हुई है.
मोहित के अनुसार लखनऊ से उनका अपहरण कर उन्हें देवरिया जेल ले जाया गया था. वह जब अतीक की बैरक में पहुंचे, उनसे 40 करोड़ से अधिक की 4 कंपनियां अहमद्स एसोसिएट्स के नाम पर करने के लिए दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने को कहा गया. आरोपों के अनुसार पूर्व सांसद ने दो वर्ष की बकाया रंगदारी भी वसूली.
सीबीआई के छापे की वजह थी तलाश
सीबीआई के अनुसार छापेमारी का उद्देश्य जकी के साथ ही अतीक के पुत्र उमर की तलाश भी थी. जकी को तो गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन उमर फरार है.