उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है. बीते अगस्त में प्रमुख सचिव गृह उत्तर प्रदेश ने सीबीआई को एक पत्र लिखा था जिसमें सिंचाई विभाग के आठ अभियंताओं को आरोपी बनाया गया था. बाद में गोमती नगर थाने में इनके खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज हुई थी.
मामले की शिकायत के मुताबिक सपा सरकार के दौरान गोमती नदी के किनारे विकास की योजना शुरु की गई थी जिसमें 1513 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. इस खर्चे में गड़बड़ी की शिकायतें मिली थी लेकिन तत्कालीन सपा सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की थी. मार्च में जब सरकार बदली तो इस मामले में जांच शुरु की गई बाद में जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी.
सीबीआई ने अब इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है. आरोपों के मुताबिक 1513 करोड़ रुपए के खर्चे वाले प्रोजेक्ट में बगैर काम किए ही 1437 करोड़ रुपए यानी 95 फीसदी राशि पहले ही जारी कर दी गई. शिकायतों के बावजूद पूरा काम नहीं हुआ, जिसके बाद जांच शुरू हुई आरोपों के मुताबिक परियोजना में मिली राशि में घोटाला करने में अधिकारियों ने और इंजीनियरों ने जमकर खेल किया.
गेमन इंडिया नाम की जिस कंपनी को ठेका दिया गया वह पहले से डिफॉल्टर थी. सरकार की शिकायत के मुताबिक इसमें परियोजना से जुड़े अधिशासी अभियंता अधीक्षण अभियंता मुख्य अभियंता और प्रमुख अभियंता मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं. बीजेपी सरकार ने गठन के बाद ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की बात की थी.