केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के बदायूं में दो नाबालिग बहनों के साथ रेप और हत्या मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने मंगलवार को औपचारिक तौर पर इस जांच की अनुशंसा सीबीआई को कर दी.
जांच एजेंसी ने भी डीआईजी मधुप तिवारी की अगुवाई में बदायूं कांड की जांच के लिए टीम गठित कर दी है. यह टीम जल्द ही घटनास्थल का दौरा करेगी. बदायूं में बर्बरता की शिकार दोनों बहनों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ हो गया है कि पहले उनके साथ रेप किया गया और इन्हें जिंदा ही पेड़ से लटका दिया गया था. उसी अवस्था में उनकी मौत हो गई. इस घटना की चौतरफा भर्त्सना के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मामले की जांच सीबीआई से करवाने का ऐलान किया था.
मंगलवार को राज्य प्रशासन और डीओपीटी के अधिकारियों के बीच लंबी बातचीत हुई. इसके बाद मामला सीबीआई को भेज दिया गया. गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस वीभत्स कांड पर काफी गैर जिम्मेदाराना तरीका अपनाया है. सीबीआई को इस बात की भी जांच करनी चाहिए कि आखिर किन हालात में पुलिस ने ऐसा रवैया अपनाया.
उधर, दूसरी ओर बदायूं कोर्ट ने विवेचक की अर्जी को मंजूर करते हुए कुछ शर्तों पर दो बहनों से दुराचार और हत्या के मामले में मुख्य आरोपी पप्पू यादव को पुलिस रिमांड देने पर सहमति दी है.
कोर्ट ने 11 जून की सुबह दस बजे से शाम सात बजे तक की अवधि का रिमांड देने के साथ ही हिदायत दी है कि आरोपी के साथ किसी तरह की मारपीट और थर्ड डिग्री का प्रयोग ना किया जाए. आरोपी चाहे तो रिमांड के दौरान अपना वकील साथ रख सकता है. यह भी कहा गया कि जेल से लाते और जेल में भेजते समय जिला अस्पताल में आरोपी का मेडिकल परीक्षण कराया जाए.
कोर्ट ने यह भी कहा कि पूरे रिमांड के दौरान घटनाक्रम की वीडियोग्राफी कराई जाए. पप्पू को बदायूं पुलिस की एसआईटी बुधवार को जेल से बाहर निकालेगी. इसके बाद उससे पूछताछ कर घटना के बारे में सुराग जुटाने की कोशिश की जाएगी.
एसआईटी के मुख्य विवेचक मुकेश कुमार सक्सेना ने स्पेशल जज (पॉक्सो) की अदालत में रिमांड एप्लीकेशन दाखिल की. इसमें बताया गया कि छह जून को कोर्ट की इजाजत से जेल में पप्पू के बयान लिए गए थे.
आरोपी ने दोनों में से एक किशोरी से घटना वाले दिन खेत में शारीरिक संबंध बनाने की बात स्वीकार की है. घटनास्थल खेत है या यूकेलिप्टस का बाग, इसकी शिनाख्त और साक्ष्य एकत्रित करने के लिए आरोपी को रिमांड पर लिया जाना जरूरी है.