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सीसीटीवी और जीपीएस से होगी यूपी में राशन वितरण की निगरानी

उत्तर प्रदेश के 75 में से अब तक 62 जिलों में खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग से खाद्य गोदामों तक राशन पहुंचाने वाले वाहनों को जीपीएस से लैस किया जा चुका है.

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सीसीटीवी से होगी राशन वितरण की निगरानी (सांकेतिक तस्वीर)
सीसीटीवी से होगी राशन वितरण की निगरानी (सांकेतिक तस्वीर)

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उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में राशन वितरण प्रणाली में गड़बड़ी और घोटाले को रोकने के लिये एक नई तकनीक का इस्तेमाल करने जा रही है. इस पर नजर रखने के लिये खाद्य आयुक्त कार्यालय में कंट्रोल रूम बना कर जीपीएस और सीसीटीवी के जरिए पूरे प्रदेश के राशन सिस्टम से जुड़ी जगहों पर नजर रखी जाएगी.

उत्तर प्रदेश के 75 में से अब तक 62 जिलों में खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग से खाद्य गोदामों तक राशन पहुंचाने वाले वाहनों को जीपीएस से लैस किया जा चुका है. यही वजह है कि बीते दो महीनों के अंदर एक भी राशन डायवर्जन का मामला सामने नहीं आया है.

राशन वितरण व्यवस्था को पारदर्शी और ईमानदार बनाने के लिये लोगों को मोबाइल पर मैसेज भेजना भी शुरू किया जाएगा. इस नई तकनीक से राशन कार्ड धारकों को संदेश मिलेगा कि कोटेदार के यहां राशन पहुंच गया है.

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के 800 से अधिक सरकारी राशन गोदामों पर राशन की बोरियों में सेंधमारी रोकने का भी प्लान तैयार हो चुका है. सभी जिलों के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित राशन गोदामों को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जाएगा.

साथ ही सभी गोदामों को कंट्रोल रूम से जोड़कर वहां की पल-पल की मॉनिटरिंग की जाएगी. हर गोदाम पर पांच टन क्षमता का इलेक्ट्रॉनिक कांटा लगाए जाने का फैसला लिया गया है. इसमे जुड़े लोगों को सुविधा देने की भी व्यवस्था हो रही है.

प्रदेश के कई जिलों में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से सरकारी राशन का ढुलाई होती है. ठेकेदारों के सामने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को रजिस्ट्रेशन के साथ ही व्यापारिक लाइसेंस की समस्या आ रही थी. इसके लिए परिवहन विभाग से समझौता किया जा चुका है.

आंकड़ों के मुताबिक विभाग में करीब 3,200 रजिस्टर्ड वाहन पंजीकृत हैं. इन्हीं को जीपीएस सिस्टम से लैस किया जा रहा है. अब तक 2,300 वाहनों में जीपीएस लगाकर ट्रैकिंग की जा रही है. सभी जिलों के अधिकारियों और सहयोगी एजेंसी को निर्देश दिया गया है कि वो हर हाल में इसी महीने तक सभी रजिस्टर्ड वाहनों को जीपीएस से लैस कर लें.

कोटेदार राशन की चोरी ना कर सकें इसके लिये भी व्यवस्था की जा रही है. ई-पॉस मशीनों को कोटेदारों के यहां लगे कांटे से अटैच किया जाएगा. प्रदेश में करीब 80 हजार कोटेदार हैं. इसके अलावा राशन गोदामों के लिए स्मॉर्टफोन एप तैयार हो रहा है. इसके लागू होने के बाद सिर्फ कोटेदार ही राशन ले सकेगा, न कि उसके द्वारा भेजा गया कोई व्यक्ति या कोई ब्रोकर. और यह भी तय किया जा सकेगा कि ठीक आदमी को ही कोटेदार के यहां से राशन मिल सके.

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