उत्तर प्रदेश के चंदौली में एक लड़की की मौत के बाद हंगामा बरपा है. घर वालों ने पुलिस पर मारने का आरोप लगाया, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मारपीट के कोई सबूत नहीं मिले. हालांकि, सबूत आत्महत्या के भी नहीं मिले हैं. चार डॉक्टरों की टीम की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गैंगस्टर कन्हैया यादव की बेटी निशा के शरीर पर गंभीर चोट के निशान नहीं मिले.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, निशा से शरीर पर सिर्फ दो निशान मिले है. एक गले में खरोंच का है, दूसरा जबड़े पर मामूली चोट का. घर वालों के आरोप पर थानेदार को सस्पेंड कर दिया गया. कई पुलिस वालों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं. पूरे मामले की जांच के लिए टीम बनाई गई है. वहीं मामले में सियासत शुरू हो गई है.
अखिलेश और केशव में जुबानी जंग
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का आरोप है कि पुलिस ने जाति के आधार पर घटना की है. योगी सरकार को घेरते हुए अखिलेश यादव ने कहा, 'जो चंदौली के इंस्पेक्टर और पुलिस के लोग हैं, उन्होंने जानबूझकर घटना की है, अगर बहन की जान गई है तो आरोपी पुलिस वालों पर 302 में मुकदमा दर्ज होना चाहिए.'
वहीं चंदौली की घटना पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दुख जताया और कहा कि पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच हो रही है, अगर इस मामले में पुलिस दोषी होगी तो उस पर भी कार्रवाई होगी. अखिलेश यादव के द्वारा यूपी की पुलिस पर आरोप लगाए जाने पर केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि अखिलेश यादव बौखलाए हुए हैं.
निशा की मौत, गुंजा की बिगड़ी तबीयत
चंदौली में पुलिस की दबिश के दौरान संदिग्ध परिस्थिति में हिस्ट्रीशीटर कन्हैया यादव की एक बेटी निशा की मौत हो गई, जबकि दूसरी गुंजा की हालत खराब है. सोमवार दोपहर दूसरी बेटी गुंजा को हॉस्पिटल ले जाया गया है. इससे पहले आजतक से बात करते हुए गुंजा ने उस दिन की पूरी कहानी बताई, कैसे पुलिस आई और क्या-क्या हुआ?
गुंजा ने बताया कि पुलिस वाले आये तो वो दरवाजा बंद करने के लिए निचे भागी लेकिन तब तक पुलिस घर में घुस चुकी थी. पुलिस ने दोनों बहनों से मारपीट कि और वापस चली गई. इसके बाद गुंजा ज़ब भागकर ऊपर के कमरे मे पहुंची तो उसकी बहन निशा कमरे मे पंखे से लटकी हुई थी. उसका पैर जमीन से छू रहा था.