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चंदौली: जिस बुजुर्ग को डीएम ने भिजवाया था अस्पताल, उनकी हुई पहचान- भूलने की है बीमारी

चंदौली जिला अस्पताल में भर्ती इस बुजुर्ग का नाम द्वारिका बिंद है और यह चंदौली के कंदवा थाना क्षेत्र के घोसवा गांव के रहने वाले हैं. यह वही बुजुर्ग हैं जिन्हें 2 जून को चंदौली के डीएम संजीव सिंह ने यहां पर भर्ती कराया था.

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डीएम ने अस्पताल जाकर जाना बुजुर्ग का हाल
डीएम ने अस्पताल जाकर जाना बुजुर्ग का हाल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जिस बुजुर्ग को DM ने बचाया, उनकी हुई पहचान
  • भूलने की बीमारी से पीड़ित बुजुर्ग

पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली में लावारिस हालत में सड़क किनारे मिले जिस बुजुर्ग को यहां के जिलाधिकारी ने अस्पताल भिजवाया था, उनकी पहचान हो गई है. बुजुर्ग का नाम द्वारिका बिंद है और वह चंदौली जिले के कंदवा थाना क्षेत्र के घोसवा गांव के रहने वाले हैं. वो भूलने की बीमारी के चलते पिछले 30 मई से घर से लापता हो गए थे और 2 मई को लावारिस हालत में चंदौली में सड़क किनारे पड़े हुए थे.

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जिस बुजुर्ग को डीएम ने बचाया, उनकी हुई पहचान

उधर से गुजर रहे चंदौली के डीएम संजीव सिंह ने उनको अस्पताल में भर्ती कराया था. इस बुजुर्ग को उनके परिजन ढूंढ रहे थे और जैसे ही उनको जानकारी मिली कि द्वारिका बिंद चंदौली जिला अस्पताल में भर्ती हैं वह अस्पताल पहुंच गए. उधर डीएम संजीव सिंह ने भी अस्पताल जाकर बुजुर्ग का हालचाल जाना और उनके बेहतर इलाज के लिए सीएमओ को निर्देशित किया.

चंदौली जिला अस्पताल में भर्ती इस बुजुर्ग का नाम द्वारिका बिंद है और यह चंदौली के कंदवा थाना क्षेत्र के घोसवा गांव के रहने वाले हैं. यह वही बुजुर्ग हैं जिन्हें 2 जून को चंदौली के डीएम संजीव सिंह ने यहां पर भर्ती कराया था. दरअसल 2 जून की दोपहर चंदौली के डीएम संजीव सिंह अपने दफ्तर से निकलकर एनआईसी दफ्तर की तरफ जा रहे थे. तभी उनकी नजर इस बुजुर्ग पर पड़ी, जो सड़क के किनारे घायल अवस्था में पड़े थे. डीएम संजीव कुमार अपनी गाड़ी से उतरे और इस बुजुर्ग को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया. तब तक इनकी पहचान नहीं हो पाई थी लेकिन आज इनकी पहचान हो गई है और इनके परिजन भी इनके पास पहुंच गए हैं.

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भूलने की बीमारी से पीड़ित बुजुर्ग

बुजुर्ग की बेटे रामाश्रय ने बताया कि यह 30 तारीख को गुम हो गए थे और उसी दिन से हमलोग इनको तलाश कर रहे थे. हमलोग काफी इधर-उधर खोजे और कंदवा थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराए. हमलोग इनको इधर-उधर ढूंढ ही रहे थे कि हमें पता चला कि यह अस्पताल में भर्ती हैं और डीएम साहब ने इनको यहां भर्ती कराया है. हम लोगों को सूचना मिली तो हम लोग यहां आए इस समय बहुत अच्छे हैं पहले से हालत बहुत अच्छी है.

दरअसल द्वारिका बिंद नाम के इस बुजुर्ग को भूलने की बीमारी है और यह पिछले 30 मई को घर से लापता हो गए थे और इधर-उधर भटकते हुए चंदौली पहुंच गए थे. इनके परिजन इन्हें ढूंढ रहे थे और संबंधित थाने में इनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. साथ ही साथ इनके लापता होने का पोस्टर छपवा दिया था. लेकिन अपनी भूलने की बीमारी के चलते यह बुजुर्ग भटकते भटकते चंदौली पहुंच गए और सड़क किनारे पड़े हुए थे.

जहां इन पर चंदौली के डीएम संजीव सिंह की नजर पड़ गई और उन्होंने इनके इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया. एक आईएएस अधिकारी की संवेदनशीलता ही है कि अपने व्यस्त कार्यक्रमों के बावजूद वह अगले दिन अस्पताल पहुंचे और उस बुजुर्ग का हालचाल जाना जिसे उन्होंने इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था.

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डीएम ने क्या बोला है?

इस घटना के बारे में डीएम ने भी जानकारी दी है. उन्होंने बोला है कि ये कंदवा थाना के घोसवा के रहने वाले हैं. कल ये अचेत अवस्था में मिले थे और इनको इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां पर इनका ट्रीटमेंट चल रहा है, सीटी स्कैन वगैरह कराया गया है. यह भूलने की बीमारी से भी पीड़ित हैं. इसी वजह से यह घर से लापता हो गए थे. घर वालों ने थाना कंदवा में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी और पर्ची वगैरह भी छपवाई थी.अब इनका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है और इनकी तबीयत अब अच्छी है. यह परिवार के लोगों को कुछ कुछ पहचान भी रहे हैं यहां पर डॉक्टर की टीम लगा दी गई है.उम्मीद है कि जल्द स्वस्थ हो जाएंगे.

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