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पीएम मोदी ने मन से सुनी चीफ जस्टिस के 'दिल की बात'

इलाहाबाद हाईकोर्ट की 150वीं सालगिरह के मौके पर चीफ जस्टिस ने 'दिल की बात' की. ये बात उन्होंने मंच पर मौजूद पीएम मोदी के सामने की.

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पीएम नरेंद्र मोदी के साथ चीफ जस्टिस जेएस खेहर
पीएम नरेंद्र मोदी के साथ चीफ जस्टिस जेएस खेहर

इलाहाबाद हाईकोर्ट की 150वीं सालगिरह के मौके पर चीफ जस्टिस ने 'दिल की बात' की. पीएम मोदी के सामने चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने 'दिल की बात' की. उन्होंने कहा- जज काम के बोझ के मारे हुए हैं. जस्टिस खेहर ने अदालतों में लंबित मामलों पर चिंता जाहिर की.

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CJI ने कहा- मेरे दिल की बात सुनें
समारोह में चीफ जस्टिस खेहर ने जजों की कमी पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट और निचली अदालतों के जजों पर भारी बोझ है. जस्टिस खेहर ने कोर्ट में लंबित मामलों पर भी चिंता जताई. इस दौरान उन्होंने कहा कि पीएम 'मन की बात' करते हैं, देश सुनता है. अब मुझे मेरे दिल की बात करने दें. चीफ जस्टिस ने लंबे समय से लंबित पड़े मामलों से निपटने के लिए जजों को छुट्टी में भी मामले निपटाने के लिए कहा.

चीफ जस्टिस को जवाब
चीफ जस्टिस के 'दिल की बात' का पीएम मोदी ने उन्हीं के अंदाज में जवाब दिया. पीएम ने कहा- अभी जज साहेब दिल की बात बता रहे थे और मैं मन से सुन रहा था. मैं उनके हर शब्द में पीड़ा अनुभव कर रहा था, कुछ कर गुजरने के इरादे को अनुभव कर रहा था. पीएम ने कहा- मुझे विश्वास है कि उनके संकल्प पूरे होंगे. जहां तक सरकार का सवाल है, जिस संकल्प को लेकर प्रेरित कर रहे हैं, हम उसे पूरा करने का भरपूर प्रयास करेंगे.

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इलाहाबाद से मिल सकती है प्रेरणा?
इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा-आजादी के 70 साल पूरे हो गए. 2022 में आजादी के 75 साल होंगे, इलाहाबाद से देश को प्रेरणा मिल सकती है क्या? जो ललक, जुनून आजादी के आंदोलन के वक्त दिखती थी क्या इन पांच सालों में ये जज्बा पैदा कर सकते हैं कि हिंदुस्तान को यहां ले जाएंगे. जो जहां है वहां, वहीं से 2022 के लिए रोड मैप, संकल्प तय कर सकता है.

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