मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले अपने सचिवालय में सफाई का हाल जाना था. साथ ही अपने दफ्तर में पान और गुटखे पर पाबंदी लगाई थी और पॉलिथीन का इस्तेमाल बंद करने का आदेश दिया था.
सफाई के लिए कर्मचारी नहीं
इन हिदायतों को अभी एक हफ्ता भी नहीं बीता है लेकिन सचिवालय के मुलाजिमों को यहां सफाई बनाए रखने के लिए नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं. आलम ये है कि एनेक्सी बिल्डिंग के व्यवस्था अधिकारी वीरेंद्र सिंह को सचिवालय प्रशासन के नाम चिट्ठी लिखनी पड़ी है. चिट्ठी में कहा गया है कि उनके पास सफाई के लिए पर्याप्त बेलदार नहीं हैं. इसके अलावा सफाई के लिए जिम्मेदार कॉन्ट्रेक्टर मजदूर और सफाई के लिए जरूरी सामान मुहैया नहीं करवा रहा है.
वीरेंद्र सिंह के मुताबिक उनके पास सफाई के लिए सिर्फ 18 कर्मचारी हैं. इतने लोगों में पूरी बिल्डिंग को साफ बनाए रखना कठिन है.
सालों बाद फिरी झाड़ू
आज तक संवाददाता मौसमी सिंह ने जब इस इमारत में सफाई का रिएलिटी चेक किया तो हकीकत मुख्यमंत्री के इरादों से इतर नजर आई. हालांकि यहां कर्मचारी सफाई में लगे हैं लेकिन अलमारियों को हटाते ही सारी पोल खुल जाती है. बिल्डिंग की दूसरी मंजिल पर होमगार्ड के रिकॉर्ड रूम की भी सफाई चल रही है. कर्मचारियों के मुताबिक 8 साल में ये पहला मौका है जब यहां झाड़ू फेरी जा रही है.