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यूपी: CM योगी के खिलाफ दायर रिट याचिका खारिज, हाई कोर्ट ने याची पर लगाया 11 हजार रुपये का जुर्माना

सीएम योगी के खिलाफ दायर रिट याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर समय बर्बाद करने के लिए 11 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इस याचिका में योगी आदित्यनाथ को 25 सितंबर के बाद भी यूपी के सीएम पद पर बने रहने पर सवाल उठाया था

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सीएम योगी (फाइल फोटो)
सीएम योगी (फाइल फोटो)

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने रहने पर सवाल खड़ा करने वाली एक रिट याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को समय बर्बाद करने की वजह से 11 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. 

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एक वकील एम इस्माइल फारूकी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका दायर की थी, जिसमें योगी आदित्यनाथ को 25 सितंबर के बाद भी यूपी के सीएम पद पर बने रहने पर सवाल उठाया था और कोर्ट से मांग की थी कि रिट आदेश जारी कर उनसे इसकी वजह पूछी जाए. हालांकि याचिकाकर्ता ने इसका कोई कारण नहीं बताया था. 

कोर्ट ने इसे "तुच्छ याचिका" करार देते हुए खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता पर समय बर्बाद करने के लिए 11,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. पीठ ने यह भी पाया कि फारूकी ने पहले भी इसी तरह की याचिका दायर की थी और वह भी खारिज कर दी गई थी. जस्टिस एआर मसूदी और ओपी शुक्ला की बेंच ने 11 नवंबर को आदेश पारित किया था, लेकिन बुधवार को आदेश उपलब्ध कराया गया.  

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गोरखपुर शहरी विधानसभा से विधायक चुने गए थे आदित्यनाथ

किसी व्यक्ति के पद धारण करने के अधिकार को चुनौती देने के लिए रिट का उपयोग किया जाता है. योगी आदित्यनाथ इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनावों में गोरखपुर शहरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे. उसके बाद उनके नेतृत्व में यूपी में बीजेपी की सरकार बनी. इससे पहले साल 2017 में उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री बनाया था, तब वह विधान परिषद के सदस्य बने थे.  

 

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