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किसी भी धार्मिक स्थल पर माइक की तेज आवाज आए तो हमें सूचित करें- CM योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ शब्दों में कहा है कि किसी को भी धार्मिक स्थल पर तेज आवाज में माइक चलाने की इजाजत नहीं है. अगर कोई ऐसा करता है तो इसकी जानकारी सीएमओ ऑफिस को दी जाए.

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सीएम योगी आदित्यनाथ
सीएम योगी आदित्यनाथ
स्टोरी हाइलाइट्स
  • महाराष्ट्र में शुरू हुआ था लाउडस्पीकर विवाद
  • यूपी में स्कूलों को दान किए गए लाउडस्पीकर

उत्तर प्रदेश में अगर किसी भी धार्मिक स्थल पर तेज आवाज में माइक चलाया जाता है तो शिकायत सीधे सीएमओ ऑफिस में की जा सकती है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक जनसभा में इस नए फरमान की जानकारी दी है.

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उन्होंने कहा है कि आप के अगल-बगल अगर कोई, किसी धर्म स्थल पर बहुत तेज माइक बजाने का कार्य कर रहा है तो थाने में उसकी लिखित सूचना देकर मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत करवा दीजिए. ये पहली बार है कि सीएम की तरफ से सीधे-सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय को सूचना देने की बात कही गई हो.

जानकारी के लिए बता दें कि पूरे देश में लाउडस्पीकर विवाद महाराष्ट्र से शुरू हुआ था. वहां पर एमएनस प्रमुख राज ठाकरे की तरफ से मुद्धा उठाया गया था और उन्होंने तब की उद्धव सरकार को अल्टीमेटम दिया था. अब महाराष्ट्र में तो इस विवाद पर काफी राजनीति देखने को मिली, लेकिन यूपी में ये ज्यादा तूल नहीं पकड़ पाया. सीएम योगी की तरफ से पहले ही सख्त निर्देश दे दिए गए थे. 

यूपी में तो यहां तक सुझाव दिया गया था कि दोनों मंदिर और मस्जिद के लाउडस्पीकर को स्कूलों को दान कर देना चाहिए. ऐसे में सांस्कृति कार्यक्रमों में उन स्पीकरों का इस्तेमाल किया जा सकता है. सीएम योगी के इस एक सुझाव के बाद कई जिलों से ऐसी तस्वीरें सामने आई थीं जहां पर दोनों मस्जिद और मंदिरों से लाउडस्पीकर स्वेच्छा निकाले भी किए और फिर उन्हें स्कूलों को दान भी किया गया.

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इसी वजह से जो लाउडस्पीकर विवाद दूसरे राज्यों में बवाल का बड़ा कारण बना, यूपी में उस पर ज्यादा सियासत देखने को नहीं मिली. वैसे सीएम योगी आदित्यनाथ मंगलवार को अपने गृह क्षेत्र गोरखपुर आए थे. वहीं पर उन्होंने लाउडस्पीकर का मुद्दा छेड़ा और कानून व्यवस्था पर भी खुलकर बात की.

सीएम ने जोर देकर कहा कि पहले यूपी में कुर्बानी के मौके पर दंगे होते थे, सड़क पर नमाज पढ़ी जाती थी. लेकिन इस बार किसी ने सड़क पर नमाज नहीं पढ़ी, कहीं कोई दंगा नहीं हुआ. अब सभी के मन में यूपी की छवि बदल चुकी है.

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