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कानून व्यवस्था को लेकर CM योगी नाराज, पुलिस अधिकारियों की ली क्लास

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में गिरती कानून व्यवस्था को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है और उन्होंने तमाम अधिकारियों को फटकार भी लगाई है.

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सीएम योगी (फाइल फोटो)
सीएम योगी (फाइल फोटो)

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उत्तर प्रदेश के लखनऊ से बड़ी खबर आ रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में गिरती कानून व्यवस्था को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है और उन्होंने तमाम अधिकारियों को फटकार भी लगाई है. अब से कुछ देर पहले सीएम डीपीजी, मुख्य सचिव, सभी जिलों के डीएम और एसपी के साथ बैठक कर रहे हैं.

सबसे खास बात ये कि किसी भी अधिकारी को मीटिंग में मोबाइल फोन नहीं ले जाने दिया गया है. सभी का फोन बाहर रख लिया गया है. योगी ने अधिकारियों पर नाराजगी जताते हुए निर्देश दिए हैं कि संवेदनशील मामलों को सही ढंग से हैंडल किया जाए.

प्रदेश के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं सीएम योगी

इससे पहले सोमवार को सीएम योगी ने महिला सुरक्षा के मुद्दे पर उच्चस्तरीय बैठक ली थी. इस बैठक में चीफ सेक्रेटरी, प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, एडीजी महिला सम्मान प्रकोष्ठ शामिल हुए. इस दौरान सीएम योगी अलीगढ़ हत्याकांड पर अधिकारियों से जवाब तलब किया.

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मुख्यमंत्री ने 3 जून को लखनऊ में अलग-अलग सरकारी परियोजनाओं की समीक्षा की और उन्होंने इस मौके पर कहा कि प्रयागराज कुंभ-2019 में स्वच्छता का जो मानक प्रस्तुत किया गया है, सभी नगर निगमों में इसी मानक के अनुरूप स्वच्छता सुनिश्चित की जाए. मुख्यमंत्री ने कहा, "जन सहयोग से इस काम में अच्छे नतीजे पाए जा सकते हैं. मंडलायुक्त पूरे मंडल के नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता की स्थिति देखकर जवाबदेही तय करें. सभी नियुक्त सफाईकर्मियों की ओर से सफाई कार्य किया जा रहा है या नहीं, इसकी जांच जरूर कराएं."

कानून व्यवस्था के साथ-साथ विकास कार्यों की समीक्षा

मुख्यमंत्री ने लोक भवन में आयोजित बैठक में प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों और नगर आयुक्तों के साथ शहरों की सफाई, पॉलीथिन पर रोक, नगरीय क्षेत्र में गोवंश संरक्षण, स्मार्ट सिटी मिशन, अमृत मिशन, शहरों में नालों को टैप किए जाने की प्रगति, एसटीपी के निर्माण की प्रगति और नमामि गंगे परियोजनाओं की समीक्षा की.

मुख्यमंत्री योगी ने कहा, "बैठक के एजेंडा के बिंदुओं के अतिरिक्त प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण, सौभाग्य योजना, निराश्रित, विधवा और दिव्यांगजन पेंशन सहित शासन की ओर से संचालित विभिन्न विकास और जनकल्याणकारी योजनाओं पर मण्डलायुक्त की ओर से मंडल स्तर पर समीक्षा की जाए. समीक्षा बैठक कार्यालय स्तर तक ही सीमित न रहे, बल्कि योजनाओं का भौतिक सत्यापन भी किया जाए."

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