शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भगवान हनुमान को दलित बताए जाने और उसके बाद पार्टी के नेताओं की ओर से उनकी जाति और धर्म को लेकर की गई खींचतान से देश का माहौल बिगड़ गया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के आला नेताओं को इस बारे में पार्टी की स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और देवी-देवताओं का अनादर करने वाली बयानबाजी पर तुरंत रोक लगवानी चाहिए.
गौरतलब है कि आदित्यनाथ ने अपने भाषण में हनुमान जी को दलित बताया था जबकि पार्टी के अल्पसंख्यक नेता बुक्कल नवाब ने भगवान हनुमान को मुसलमान बताया. वहीं धर्मार्थ कार्य, संस्कृति और अल्पसंख्यक मामलों के कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने उन्हें जाट बताया था. देवतीर्थ ने कहा कि सबसे दुखद यह है कि विवादित बयानों से रामभक्त हनुमान का अपमान करने वाले लोग उस राजनीतिक दल से जुड़े हैं जो खुद को हिंदू अस्मिता का रक्षक बताता है.
उन्होंने कहा, ‘एक ओर पार्टी राममंदिर पर सुप्रीम कोर्ट में जल्दी सुनवाई की मांग कर रही है. वहीं दूसरी ओर उनके प्रिय बजरंगबली का अपमान कर रहे हैं. इस प्रकार ‘हंसना और रोना’ दोनों एक साथ नहीं चल सकते.’ राम मंदिर निर्माण में बीजेपी की भूमिका से जुड़े एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा, ‘बीजेपी सचमुच राम मंदिर बनाना चाहती है तो संसद के मौजूदा सत्र में ही विधयेक लाए लेकिन वह याद रखे कि विधेयक किसी को नीचा दिखाने के लिए नहीं बल्कि अयोध्या में भगवान राम की महिमा फिर स्थापित करने वाला हो.’