उत्तरप्रदेश में योगी राज का असर पिछली सरकार की योजनाओं पर दिखने लगा है. नई सरकार ने पिछली सरकार में चलाई जाने वाली तमाम योजनाओं से समाजवादी शब्द की बेदखली शुरू कर दी है. कई स्कीमों, राशनकार्ड से अखिलेश यादव की तस्वीरों को हटाने का काम भी शुरू कर दिया है. साथ ही कई मामलों के जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं.
दरअसल बमुश्किल दो सप्ताह पूरे करने वाली योगी सरकार के अंदाज यूपी में साफ नजर आने लगे हैं. ताबड़तोड़ नए फैसलों और पैगामों से उन्होंने अफसरों, अधिकारियों, प्रशासनिक अमलों, स्कूलों और नेताओं तक को हैरत में डाल दिया है. सत्ता के सभी पुराने रंग तेज़ी से उतारे जा रहे हैं.
1. राज्य सरकार की सभी एंबुलेंस से समाजवादी शब्द को हटाया जाएगा.
2. राज्य से अखिलेश की फोटो वाले तीन करोड़ राशन कार्ड को वापस लिया जाएगा.
3. बुजुर्गों के लिए चलाई जाने वाली समाजवादी श्रवण यात्रा भी सिर्फ श्रवण यात्रा रह जाएगी, समाजवादी शब्द की विदाई कर दी जाएगी.
4. डिंपल यादव की अगुवाई में बने राज्य पोषण मिशन को भंग कर दिया गया है. ये योजना राज्य की कुपोषित महिलाओं और बच्चों की पहचान के लिए चलाई जा रही थी, जिसकी अगुवाई डिंपल यादव कर रही थी.
5. सरकारी स्कूल बैग से अखिलेश यादव की तस्वीर हटाई जा रही है.
6. शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड में पूर्व मंत्री आजम खान पर घोटाले के आरोप लगाए गए और जांच की बात कही गई.
7 सीएम योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश सरकार के दौरान कथित रिवर फ्रंट घोटाले की जांच कराएगी. 45 दिन में न्यायिक जांच की रिपोर्ट देनी होगी.
देश में सत्ता बदलने का ये स्वाभाविक नियम है, जिसमें पिछली सरकारों की योजनाओं के नाम बदल दिए जाते हैं. योजनाएं खत्म कर दी जाती हैं या नेताओं के चेहरे, पार्टी के नाम से जुड़े शब्दों में पलीता लगा दिया जाता है वैसे भी उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बहुत जल्दी में है. सत्ता में काबिज होने के साथ ही योगी सरकार ने प्रशासन को दुरुस्त करने के लिए पच्चीसों नए फऱमान जारी किए हैं. साथ ही उनका औचक निरीक्षण और दौरा जारी है.