प्रियंका गांधी की राजनीतिक एंट्री पर पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बयान दिया है. नोएडा में एक कार्यक्रम में आए सीएम योगी ने कहा कि यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है. कौन आए और न आए यह फैसला वह खुद करेगी. कांग्रेस जीरो है, उसके साथ जीरो ही जुड़ेगा. प्रियंका जी पहली बार राजनीति में नहीं आई हैं. वह 2004, 2009, 2017 में भी सक्रिय थीं. हर लोकसभा और विधानसभा में वो सक्रिय रही हैं.
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस को ये अधिकार है कि वो किसको रखें और किसको न रखें, लेकिन यह भी सच है कांग्रेस ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उनके लिए एक परिवार ही पार्टी है और पार्टी एक परिवार के बाहर जाकर नहीं सोच सकती है. उसके अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है. पूर्वांचल के प्रभार पर सवाल पूछे जाने पर योगी ने कहा कि पूर्वांचल की सीटों पर कोई असर नहीं पड़ने जा रहा है, क्योंकि ज़ीरो प्लस जीरो, जीरो ही होता है. वह कोई बड़ा नहीं हो जाता है. कांग्रेस जीरो है. उसके साथ जीरो ही जुड़ना है.
प्रियंका आईं, क्या कांग्रेस के अच्छे दिन भी आएंगे
कांग्रेस ने प्रियंका गांधी वाड्रा को पार्टी का महासचिव बना दिया है. अभी से कांग्रेस और कार्यकर्ताओं में उत्साह और नई ऊर्जा का संचार भी दिखाई देने लगा है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि क्या वाकई चुनावी धरातल भी इसके नतीजे सामने आएंगे. क्या प्रियंका के आने से हाशिए पर खड़ी कांग्रेस को संजीवनी मिलेगी? चुनौती काफी बड़ी है और राह बेहद मुश्किल क्योंकि इससे यूपी में मोदी विरोधी माया और अखिलेश का गठबंधन ज्यादा बेचैन हो रहा है.
सपा और बसपा को वोटबैंक में सेंधमारी का डर
प्रियंका की मौजूदगी से यूपी में बीजेपी से ज्यादा परेशान गठबंधन दिखाई दे रहा है. उनको डर है कि कहीं उनके वोटबैंक में ही कांग्रेस सेंधमारी ना कर दे. डर का इजहार समाजवादी पार्टी के दिग्गज आजम खान ने खुद कर दिया था. मायावती अखिलेश गठबंधन से कांग्रेस को अपने खेमे से बाहर कर दिया..ये कहते हुए कि कांग्रेस के आने से वोटों में कोई इजाफा नहीं होगा. लेकिन प्रियंका के आने से उन्हें अब कहीं ना कहीं ये डर सताने लगा है कि कांग्रेस का नया जोश उनके ही वोट को काटकर बीजेपी को फायदा ना पहुंचा दे, हालांकि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने इसे नकार रहे हैं.