scorecardresearch
 

अधिकारियों से बोले योगी- जनता की समस्याओं को ठीक से हल करें

योगी ने इस बारे में लखनऊ के एनेक्सी में अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों के साथ बैठक में उन्हें आवंटित जिलों के जून-जुलाई के निरीक्षण की समीक्षा की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, शिकायतों के निस्तारण का सत्यापन मैं खुद ऑनलाइन करूंगा. शिकायत करने वालों से उनकी संतुष्टि की जानकारी लूंगा. फर्जी निस्तारण होने पर कार्रवाई भी ऑनलाइन करूंगा.

Advertisement
X
योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

Advertisement

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अफसरों की नकेल कसने के लिए लगातार जिलो में घूम कर समीक्षा बैठकें कर रहे हैं. अब जिले स्तर की बैठकों के बाद योगी ने लखनऊ में बड़े अफसरों की क्लास शुरू की है. आदित्यनाथ ने 75 जिलों का भ्रमण पूरा करने वाले नोडल अधिकारियों के साथ बैठक में कड़े तेवर दिखाए.

इस बैठक में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आईजीआरएस पोर्टल और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर ऑनलाइन आने वाली शिकायतों का निस्तारण महज औपचारिकता के रूप में न किया जाए. उन्हें गंभीरता से लेकर शिकायतकर्ता की संतुष्टि के अनुसार समस्या का हल निकाला जाए क्योंकि आम आदमी कभी झूठ नहीं बोलता है.

योगी ने इस बारे में लखनऊ के एनेक्सी में अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों के साथ बैठक में उन्हें आवंटित जिलों के जून-जुलाई के निरीक्षण की समीक्षा की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, शिकायतों के निस्तारण का सत्यापन मैं खुद ऑनलाइन करूंगा. शिकायत करने वालों से उनकी संतुष्टि की जानकारी लूंगा. फर्जी निस्तारण होने पर कार्रवाई भी ऑनलाइन करूंगा.

Advertisement

मुख्यमंत्री ने कहा कि नोडल अधिकारी जिलों में निरीक्षण के साथ ही आम जनता और जनप्रतिनिधियों से मिलें. उनसे फीडबैक लेकर प्रभावी कार्रवाई करें. जिलों में समीक्षा बैठक के साथ ही योजनाओं का भौतिक सत्यापन और निरीक्षण गंभीरता से करें. रिपोर्ट बनाते समय कोई संकोच न करें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी अधिकारी अपने-अपने विभाग से संबंधित शिकायतों को लेकर आईजीआरएस पोर्टल और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की हर महीने समीक्षा करें. जब अधिकारी जिलों के निरीक्षण पर जाएं तो सुनिश्चित करें कि मौके पर शिकायतों का निस्तारण होना चाहिए. योगी ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि वे केंद्रीय बजट का अध्ययन कर उसी के आधार पर राज्य की जनता की बेहतरी के लिए अपने विभाग की कार्ययोजना बनाएं. इसके साथ अपने-अपने विभाग के मंत्री को लेकर दिल्ली में केंद्रीय अधिकारियों के साथ मीटिंग करें.

सभी अधिकारी 10 से 15 दिन में अपने-अपने विभागों की कार्ययोजना बनाकर केंद्र सरकार के अधिकारियों को सौंप दें. कार्य योजना की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री कार्यालय को मुहैया करवाएं ताकि जरूरत पड़ने पर वह खुद केंद्रीय मंत्रियों व प्रधानमंत्री से बात कर सकें.

Advertisement
Advertisement