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Ayodhya: सिविल ड्रेस में तहसील पहुंचे कमिश्नर, दिखा गंदगी का ढेर, कर्मचारी भी थे नदारद और फिर…

मंडलायुक्त नवदीप रिणवा कहते हैं कि अगर वह निरीक्षण करने के लिए ऑफिशियल तौर पर जाते तो उन्हें वह तस्वीर ना दिखती जो उन्होंने आम आदमी के तौर पर देखी.

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मंडलायुक्त नवदीप रिणवा
मंडलायुक्त नवदीप रिणवा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सिविल ड्रेस में तहसील पहुंचे कमिश्नर
  • ड्यूटी से नदारद मिले कई कर्मचारी

Ayodhya News: अयोध्या में मंडलायुक्त नवदीप रिणवा ने शनिवार को आम आदमी की तरह सदर तहसील में पहुंच गए. इस दौरान वह सिविल ड्रेस में थे. इस दौरान उन्हें सदर तहसील के कार्यालयो में गंदगी का ढेर दिखाई दिया. उन्हें अधिकारी और कर्मचारी ड्यूटी पर से नदारद दिखे. मंडलायुक्त नवदीप ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह सदर तहसील की मौजूदा हकीकत को जानने चाहते थे.

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मंडलायुक्त नवदीप रिणवा का कहना है कि अगर वह निरीक्षण करने के लिए ऑफिशियल तौर पर जाते तो उन्हें वह तस्वीर ना दिखती जो उन्होंने आम आदमी के तौर पर देखी. सारी व्यवस्था चाक-चबंद रहती, अधिकारी और कर्मचारी सब के सब मौजूद मिलते. इसीलिए वह बिना किसी प्रोटोकॉल के आम आदमी की तरह सच जानने आए.
 
यही कारण था कि साधारण तौर पर सिविल ड्रेस (पैंट शर्ट) पहने जब नवदीप रिणवा सदर तहसील पहुंचे तो उन्हें अधिकारी से लेकर कई कर्मचारी नदारद मिले. साफ-सफाई के स्थान पर कार्यालयों में गंदगी का ढेर दिखाई दिया. तहसील परिसर में अव्यवस्थित खड़े वाहनों की कतार दिखाई दी. कर्मचारियों की गैरमौजूदगी के कारण भटकते हुए फरियादी भी नजर आए. मंडलायुक्त जमीन खतौनी की नकल काउंटर पर गए. 
 
पूरा सच अयोध्या मंडल के मंडलायुक्त नवदीप रिणवा के सामने आता उससे पहले ही उनको पहचान लिया गया. इसके बाद तहसील में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में मोबाइल फोन पर नंबर डायल होने लगे और जो भी अधिकारी और कर्मचारी जहां भी थे वो भाग-भाग कर तहसील पहुंचने लगे.  

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हालांकि, जो भी सच अब तक मंडलायुक्ति ने आम इंसान के तौर पर अपनी आंखों से देखा था. उसको लेकर उन्होंने गहरी नाराजगी जताई. उप जिलाधिकारी सदर से उन्होंने अनुपस्थित कर्मचारियों और अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगने और व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए. 

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सारे कार्य समय पर पूरे हों, जिससे कार्यों के निस्तारण के लिए फरियादियों को भटकना न पड़े. कमिश्नर नवदीप रिणवा कहते हैं कि हर किसी की जिम्मेदारी है कि अपना कार्य ईमानदारी से करे और समय-समय पर इसकी समीक्षा भी आवश्यक है और इसीलिए उन्होंने यह कदम उठाया है. 

 

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