सोनेलाल जयंती को लेकर अपना दल में घमासान मच गया है. दरअसल अपना दल (सोनेलाल) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल और अपना दल (कमेरावादी) की पल्लवी पटेल लखनऊ में एक ही जगह कार्यक्रम के आयोजन को लेकर अड़ गए है.
सोनेलाल जयंती के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन कल (शनिवार) इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में होना है. इसके लिए अनुप्रिया और पल्लवी पटेल ने कार्यक्रम की अनुमित मांगी थी. जानकारी के मुताबिक केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को आयोजन की अनुमति मिल गई है, जबकि पल्लवी पटेल का आवेदन रद्द हो गया है.
बताया जा रहा है कि पल्लवी पटेल ने आवदेन रद्द होने के बाद भी कार्यक्रम के आयोजन किए जाने को लेकर अड़ी हुई हैं. उन्होंने कहा कि मैं ये जानना चाहती हूं कि मेरा कार्यक्रम किस आधार पर रद्द किया गया है. इतना ही नहीं, पल्लवी पटेल ने पुलिस कमिश्नर से भी इस बारे में शिकायत की है.इसके साथ ही उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की है. इस दौरान पल्लवी ने कहा कि उन्हें सोनेलाल पटेल की जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन करने की अनुमति नहीं दी जा रही है.
पल्लवी पटेल ने कहा कि हम हर साल इस कार्यक्रम का आयोजन करते हैं, इस बार पहली दफा ऐसा कुछ नहीं हो रहा कि आयोजन किया जा रहा हो, डॉक्टर साहब हमारे आदर्श हैं. कार्यकर्ताओं की मांग पर कार्यक्रम करने का प्लान था, जिसमें हम अपने महापुरुष के विचारों का आदान -प्रदान करते.
अपना दल (एस) ने लगाया अपना दल (कमेरवादी) पर आरोप
जहां अपना दल (कमेरवादी) ने भी लखनऊ के इंदिरागांधी प्रतिष्ठान में कार्यक्रम के आयोजन का ऐलान कर दिया है. वहीं अपना दल (एस) के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार पाल ने कहा कि 18 जून को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में जयंती कार्यक्रम को लेकर पहले ही अपना दल (एस) ने स्थान बुक कराया था. जबकि बीते 24 जून को प्रशासन ने इसकी अनुमति दे दी थी. उन्होंने आरोप लगाया कि अपना दल (कमेरवादी) ने जयंती से दो दिन पहले कार्यक्रम स्थल बुक कराने का आवेदन किया. जबकि अपना दल ( एस) 18 जून को ही आवेदन कर चुकी थी.
प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि विपक्ष के इशारे पर डॉक्टर साहब के जन्मदिन पर विवाद खड़ा किया जा रहा है. ताकि आपस में दोनों कार्यकर्ता टकरा सकें. वहीं अपना दल (एस) ने कृष्णा पटेल को जोकि अनुप्रिया पटेल और पल्लवी पटेल की हैं मां हैं, उनसे इस विवाद से बचने के लिए कहा है.
अपना दल (सोनेलाल) के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पल्लवी पटेल डॉक्टर साहब की जयंती को लखनऊ के किसी अन्य स्थान पर कार्यकर्ताओं के साथ मनाएं, ताकि दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच किसी प्रकार का विवाद और संघर्ष न हो.