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उत्तर प्रदेश: कांग्रेस कमेटी में युवा चेहरों पर दांव, ये है जातीय समीकरण

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में एक तरफ जहां युवाओं को कमान मिली है. वहीं, दूसरी तरफ 18 वरिष्ठ नेताओं की सलाहकार समिति भी गठित की गई है, जिसकी अध्यक्षता खुद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी करेंगी.

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अजय कुमार लल्लू (फोटो-फेसबुक)
अजय कुमार लल्लू (फोटो-फेसबुक)

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उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नाम की घोषणा हो गई है. अजय कुमार लल्लू प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष बनाए गए हैं. नई कमेटी पिछली कमेटी की अपेक्षा दस गुना छोटी है. पिछली कांग्रेस कमेटी में लगभग 500 सदस्यों की थी, लेकिन नई कमेटी लगभग 40 से 45 सदस्यों की है. नई कमेटी के हर पदाधिकारी की खास जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की गई है.

युवाओं पर जताया भरोसा

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में एक तरफ जहां युवाओं को कमान मिली है. वहीं, दूसरी तरफ 18 वरिष्ठ नेताओं की सलाहकार समिति भी गठित की गई है, जिसकी अध्यक्षता खुद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी करेंगी. इसके अलावा एक 8 सदस्यीय रणनीति ग्रुप भी बनाया गया है, जिसमें तेज तर्राक अनुभवशाली नेताओं को रखा गया है.

कमेटी के सदस्यों की औसत आयु लगभग 40 साल है. इससे साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस हाई कमान ने उत्तर प्रदेश में अपना भरोसा नौजवानों पर जताया है. साथ ही वरिष्ठ नेताओं को भी स्थान दिया है. युवाओं को प्रतिनिधित्व देने का संकेत उपचुनाव की रणनीति से साफ हो गया था कि कांग्रेस महासचिव की पसंद नौजवान लीडरशिप में है.

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कमेटी में 20 फीसदी दलित

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में जातीय समावेशी फार्मूले को भी साधा गया है. कमेटी में लगभग 45 फीसदी पिछड़ी जातियों को प्रतिनिधित्व दिया गया है. पिछड़ी जाति में भी हशिए पर खड़ी अति पिछड़ी जातियों पर ज्यादा फोकस किया गया है. दलित आबादी को करीब 20 फीसदी का नेतृत्व दिया गया है. इस नेतृत्व में प्रभुत्वशाली दलित जातियों के अलावा अन्य जातियों को भी मौका मिला है.

20 फीसदी सवर्ण जातियों का प्रतिनिधित्व

मुस्लिम नेतृत्व करीब 15 फीसदी है, जिसमें पसमांदा मुस्लिम कयादत पर भी जोर दिया गया है. नई कांग्रेस कमेटी में लगभग 20 फीसदी सवर्ण जातियों का प्रतिनिधित्व है. कांग्रेस ने जातीय समीकरण को समावेशी जातीय प्रतिनिधित्व के फार्मूले से साधने की कोशिश की है. कमेटी में महिलाओं को भी उचित प्रतिनिधित्व दिया गया है.

अब कांग्रेस सड़कों पर लड़ती दिखेगी

नई कमेटी में जनाधार वाले संघर्षशील कार्यकर्ताओं को जगह मिली है, जिसमें कई नए चेहरे भी शामिल हैं. कांग्रेस के नए संगठन से साफ-साफ दिख रहा है कि उत्तर प्रदेश की सड़कें जन आंदोलन से खाली नहीं होंगी. कांग्रेस महासचिव ने भी सोनभद्र, उन्नाव और शाहजहांपुर कांड में अपनी सक्रियता दिखाकर पहले ही साफ कर दिया था कि आने वाली कांग्रेस सड़कों पर लड़ती दिखेगी.

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महीनों मंथन के बाद बनी नई कमेटी

सूत्र बताते हैं कि लगभग चार महीने से कांग्रेस की कई टीमें उत्तर प्रदेश की खाक छान रही थीं.  कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी खुद उत्तर प्रदेश के कार्यकर्ताओं, नेताओं और बुद्धिजीवियों के साथ बैठक करके सलाह मशविरा ले रहीं थीं. उत्तर प्रदेश में 6 राष्ट्रीय सचिव लगातार पूरे प्रदेश का भ्रमण कर रहे थे. प्रियंका गांधी के टीम के लोग जिले-जिले घूमकर जमीनी पड़ताल कर रहे थे.

कांग्रेस ने साधे एक तीर से दो निशाने

अजय कुमार लल्लू को प्रदेश की कमान सौंप कर कांग्रेस एक तीर से दो निशाने साध रही है. पहला अजय कुमार लल्लू पूर्वी उत्तर प्रदेश से आते हैं और दूसरा वह पिछड़ी कही जाने वाली कानू जाति से ताल्लुक रखते हैं. वह सामाजिक न्याय के मुद्दे पर मुखर भी हैं और यूपी में हर मसले को उठाने को लेकर तत्पर रहते हैं. इसीलिए अजय कुमार लल्लू उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कमान सौंपी गई है.

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