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अखिलेश सिंह को श्रद्धांजलि देने रायबरेली पहुंचीं प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी यहां रेल कोच फैक्ट्री जाकर उसके निजीकरण के खिलाफ संघर्ष कर रहे कर्मचारियों से भी मुलाकात करेंगी. कांग्रेस पार्टी रायबरेली कोच फैक्ट्री के निजीकरण को लेकर लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर रही है.

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प्रियंका गांधी (फाइल फोटो)
प्रियंका गांधी (फाइल फोटो)

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रायबरेली से पूर्व कांग्रेस विधायक अखिलेश सिंह को श्रद्धांजलि देने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी रायबरेली पहुंच चुकी हैं. अखिलेश सिंह का 20 अगस्त को निधन हो गया था. इसके अलावा प्रियंका गांधी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ कई कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगी. इधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मंगलवार को रायबरेली के दौरे पर हैं. सीएम योगी यहां विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने जा रहे हैं.

प्रियंका गांधी का कार्यक्रम

प्रियंका गांधी करीब 1.45 बजे रेल कोच फैक्ट्री जाकर उसके निजीकरण के खिलाफ संघर्ष कर रहे कर्मचारियों से मुलाकात करेंगी. कांग्रेस पार्टी रायबरेली कोच फैक्ट्री के निजीकरण को लेकर लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर रही है. प्रियंका गांधी इसके बाद लखनऊ के लिए रवाना होंगी जहां से हवाई मार्ग से शाम तक दिल्ली वापसी करेंगी.

उधर, योगी आदित्यनाथ भी मंगलवार को रायबरेली में रहेंगे. मुख्यमंत्री यहां दोपहर एक बजे पहुंच रहे हैं, इसके बाद वह राणा बेनी माधव मूर्ति स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे. सीएम योगी शहीद चौक जाएंगे और फिरोज गांधी कॉलेज में भी उनका कार्यक्रम रखा गया है. सीएम योगी  2 बजे के करीब रायबरेली से वापस लौट आएंगे.

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बता दें कि रायबरेली कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र है. इस इलाके में बीजेपी लगातार अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश कर रही है. दूसरी ओर सोनिया गांधी भले ही स्वास्थ्य कारणों से नियमित तौर पर यहां न आ सकें लेकिन उनकी बेटी प्रियंका लगातार रायबरेली के दौरे पर जाती रहती हैं. यहीं वजह है कि वह अखिलेश सिंह के निधन बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं का दुख बांटने के लिए वहां जा रही हैं.

कौन थे अखिलेश सिंह

अखिलेश सिंह रायबरेली में कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार थे. गांधी परिवार से उनके रिश्ते बीच में खराब हुए थे. उसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने सदर विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर अपनी बेटी अदिति सिंह को चुनाव लड़ाया था. बीते करीब दो-तीन सालों से अखिलेश सिंह बीमारी के कारण राजनीति में सीधे दखल नहीं रखते दिखाई दिए. पूर्व विधायक अखिलेश सिंह ने 90 के दशक में अपने राजनीतिक पारी शुरू की और विधायक बने. कांग्रेस पार्टी से विवाद के चलते पार्टी छोड़ी फिर निर्दलीय विधायक बने, 2011 में पीस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बने और 2012 में विधायक चुने गए थे.

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