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यूपी: कोरोना मरीजों के वीडियो पर बोलीं प्रियंका गांधी- सच्चाई सीएम के प्रचार से अलग

प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने ट्वीट के साथ वीडियो जारी किया है. ट्वीट में उन्होंने प्रयागराज के कोटवा (बनी) के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का जिक्र किया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि वहां मौजूद कोरोना मरीज सुविधाओं का बुरा हाल बयां कर रहे हैं.

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कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी (PTI)
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी (PTI)

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  • प्रियंका ने शेयर किया कोरोना मरीजों का वीडियो
  • कोरोना मरीजों के सहारे सीएम योगी को घेरा
  • कहा- मरीजों का बुरा हाल, सच्चाई प्रचार से अलग

कोरोना वायरस महामारी के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा लगातार यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार से सवाल कर रही हैं और अव्यवस्थाओं के आरोप लगा रही हैं. इसी कड़ी में प्रियंका गांधी ने यूपी के एक क्वारनटीन सेंटर का वीडियो जारी कर कहा है कि सच्चाई मुख्यमंत्री के प्रचार से बिल्कुल अलग है.

प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने ट्वीट के साथ वीडियो जारी किया है. ट्वीट में उन्होंने प्रयागराज के कोटवा (बनी) के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का जिक्र किया है और आरोप लगाया है कि वहां मौजूद कोरोना मरीज सुविधाओं का बुरा हाल बयां कर रहे हैं.

वीडियो में कुछ लोग काफी गुस्से में नजर आ रहे हैं. लोग पानी और खाने की समस्या को लेकर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. एक व्यक्ति ये भी कह रहा है कि हम जानवर हैं, हमें पानी तक नहीं मिल रहा है.

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ये वीडियो जारी करते हुये प्रियंका गांधी ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की आलोचना की है. प्रियंका ने लिखा है, 'जमीन की सच्चाई मुख्यमंत्री जी के प्रचार से एकदम अलग है. यूपी में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में इन सुविधाओं के हाल को सुधारना बहुत जरूरी है.'

इससे पहले प्रियंका गांधी ने प्रवासी मजदूरों को लेकर भी यूपी सरकार की घेराबंदी की थी. प्रियंका गांधी ने कांग्रेस की तरफ से यूपी सरकार को 1000 बसें चलाने का भी ऑफर दिया था ताकि मजदूरों को उनके घर पहुंचाया जा सके. लेकिन ये मामला विवादित हो गया था. यूपी सरकार ने बस चलाने की परमिशन तो दे दी थी, लेकिन यह भी दावा किया था कि कांग्रेस की भेजी गई बसों की सूची में कुछ वाहन ऐसे भी हैं जो टू-व्हीलर या थ्री व्हीलर के नाम पर रजिस्टर्ड हैं. इस तरह तमाम सियासी बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप के बीच बसें मजदूरों तक नहीं पहुंच पाई थीं.

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