यूपी में कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने गैस के बढ़ते दाम देखते हुए अनोखी मांग की है. दीपक सिंह ने लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास में चूल्हे की व्यवस्था करने के लिए व्यवस्था अधिकारी को पत्र लिखा है. दीपक सिंह ने साफ लिखा कि 2024 से पहले गैस के बढ़ते दामों से छुटकारा मिलने की उम्मीद नहीं है लिहाजा उनके आवास में चूल्हे का इंतेजाम कर दिया जाए.
बहुखंडी विधायक निवास के ब्लॉक B-401 में रह रहे कांग्रेस MLC दीपक सिंह ने संपत्ति विभाग के व्यवस्था अधिकारी को पत्र लिखा. दीपक सिंह ने अपने पत्र में मांग की है कि उनके आवास के साथ-साथ बहुखंडी विधायक निवास के सभी 3 ब्लॉकों में लकड़ी और कोयले से खाना बनाने के लिए चूल्हे का इंतजाम किया जाए. आज 975 रुपये का गैस सिलेंडर महीने में दो बार बदलवाना पड़ता है जो काफी महंगा साबित हो रहा है. ऐसे में गैस सिलेंडर की बजाय जलौनी लकड़ी और कोयला से 500 रुपये में महीने भर काम चल जाएगा.
'चूल्हा पड़ेगा सस्ता'
इस पत्र पर आजतक ने दीपक सिंह से सवाल पूछा कि जलौनी लकड़ी और कोयले से ₹500 में महीने भर कैसे चलेगा तो उन्होंने हिसाब बताते हुए कहा कि आज ₹800 क्विंटल कोयला है और ₹300 क्विंटल जलौनी लकड़ी. 100 ग्राम कोयले और लकड़ी से एक 4 सदस्यीय परिवार का खाना बन जाता है.
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दीपक सिंह ने उदाहरण देते हुए कहा, 'उनके बख्शी का तालाब इलाके में रहने वाले उनके करीबी मित्र के घर में चूल्हे पर ही खाना बनता है और ₹300 महीने का खर्च आता है. मैं विधायक हूं ज्यादा लोग मिलने आते हैं इसलिए मैंने ₹500 का बजट आकलन किया है.'
विधायक दीपक सिंह ने अपने पत्र में यह भी कहा कि विधायक निवास में रहने वाले तमाम अन्य नेताओं ने भी चूल्हा बनवाने की मांग की है. चूंकि विधायक निवास सरकारी संपत्ति है जिसकी देखरेख राज्य संपत्ति विभाग करता है, जिसमें कोई बदलाव करना भी विभाग की जिम्मेदारी है. लिहाजा उन्होंने व्यावस्था अधिकारी को पत्र लिखा है.
दीपक सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि उनकी तरह ए, बी, और सी ब्लॉक में रहने वाले अधिकांश विधायक भी चूल्हा बनवाना चाहते हैं क्योंकि 2024 से पहले इस गैस सिलेंडर के बढ़े दामों से निजात मिलने की कोई संभावना नहीं है.
बीजेपी को घेरने की कोशिश
उन्होंने कहा कि उनके परिवार में वह, उनकी पत्नी दो बच्चे और दो बड़े भाई के बच्चे साथ रहते हैं. एक ड्राइवर, दो गनर और एक शैडो का भी खाना बनता है, ऐसे में कम से कम 10 लोगों का खाना गैस पर बनाना काफी महंगा साबित होता है. महीने में दो बार सिलेंडर बदलवाने पर बजट बिगड़ जाता है.
उन्होंने कहा कि चूल्हे पर कोयले और लकड़ी से खाना बनाकर वह न सिर्फ अपने बजट को नियंत्रित करेंगे बल्कि इस महंगाई के दौर में कम आय वाले लोगों के लिए एक रास्ता भी दिखा रहे हैं कि कैसे बढ़ते गैस के दामों से कम आय वाले छुटकारा पा सकते हैं.
फिलहाल कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने अपने इस पत्र के सहारे गैस के बढ़ते दाम और महंगाई पर बीजेपी को घेरने की कोशिश की है.