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प्रियंका गांधी के पश्चिम यूपी दौरे से निकले पांच बड़े सियासी संदेश

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी किसानों की आवाज बनने के साथ ही हिंदू और मुस्लिम दोनों के बीच अपना सियासी आधार बनाने की कवायद करती नजर आईं. गले में रुद्राक्ष की माला पहने प्रियंका गांधी ने कई मंदिरों में माथा टेका तो मुस्लिमों के धार्मिक स्थल खानकाह में भी हाजिरी लगाई. इतना ही नहीं शहीद सैनिक परिवार से मिलीं और महापंचायत में किसानों को संबोधित कर राजनीतिक संदेश देती नजर आईं.

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प्रियंका गांधी किसान महापंचायत में
प्रियंका गांधी किसान महापंचायत में
स्टोरी हाइलाइट्स
  • प्रियंका गांधी पश्चिमी यूपी के समीकरण साधने में जुटीं
  • किसान पंचायत से पहले प्रियंका ने मंदिर में माथा टेका
  • खानकाह जाकर मुस्लिमों को दिया सियासी संदेश

उत्तर प्रदेश में तीन दशक से सत्ता का राजनीतिक वनवास झेल रही कांग्रेस अब सॉफ्ट हिंदुत्व के मुद्दे को आत्मसात कर 2022 की सियासी जंग जीतना चाहती है. बुधवार को सहारनपुर पहुंचीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी किसानों की आवाज बनने के साथ ही हिंदू और मुस्लिम दोनों के बीच अपना सियासी आधार बनाने की कवायद करती नजर आईं. गले में रुद्राक्ष की माला पहने प्रियंका गांधी ने कई मंदिरों में माथा टेका तो मुस्लिमों के धार्मिक स्थल खानकाह में भी हाजिरी लगाई. इतना ही नहीं शहीद सैनिक परिवार से मिलीं और महापंचायत में किसानों को संबोधित कर राजनीतिक संदेश देती भी नजर आईं. 
 

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प्रियंका का सॉफ्ट हिंदुत्व कार्ड
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी किसान पंचायत में हिस्सा लेने के लिए देहरादून के एयरपोर्ट से बाहर निकलीं तो हाथ में रुद्राक्ष की माला लिए नजर आईं. सहारनपुर के चिकलाना में किसान पंचायत से पहले प्रियंका गांधी ने बाबा भूरादेव मंदिर में प्रसाद चढ़ाया और पूजा अर्चना की. इसके बाद सीधे ॉसिद्धपीठ मां शाकंभरी देवी  के मंदिर पहुंचीं, जहां उन्होंने पूजा अर्चना की और करीब 45 मिनट तक यहां मंत्रोच्चारण के साथ मां भगवती का ध्यान किया. इस दौरान प्रियंका के स‍िर पर पल्‍लू था और गले में रुद्राक्ष की माला थी. प्रियंका गांधी ने इस तरह पश्चिमी यूपी में हिंदू समुदाय को संदेश देने की कवायद करती नजर आईं.

मुस्लिमों को भी दिया सियासी संदेश
पश्चिमी यूपी की सियासत में मुस्लिम मतदाता काफी अहम माने जाते हैं. यही वजह है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी मंदिर में जाकर माथा टेकने के साथ-साथ मुस्लिमों के धार्मिक स्थल खानकाह में भी गई. सहारनपुर में इस्लामिक जगत से जुड़े ऐतिहासिक खानकाह रहीमी रायेपुर में भी हाजिरी लगाकर देश में अमन चैन की दुआ मांगी. यूपी कांग्रेस अल्पसंख्यक सेल के चेयरमैन शाहनवाज आलम ने बताया कि प्रियंका गांधी खानकाह के मुतवल्ली शाह अतीक अहमद से मिलीं, यहां उन्हें खानकाह की तरफ से मिठाई और बुके दिया गया. ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के जिलाध्यक्ष मौलाना डॉ. अब्दुल मालिक मुगीसी सहित तमाम मुस्लिम उलेमाओं से मिलीं. इस तरह से प्रियंका पश्चिम यूपी के मुस्लिमों को भी अपने साध जोड़ने की कवायद करती नजर आईं.
 

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हिंदू और मुस्लिमों को साथ लाने कोशिश
प्रियंका गांधी के शाकुंभरी देवी और खानकाह रायेपुर जाने के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. माना जा रहा है कि प्रियंका ने हिंदू और मुस्लिम दोनों को साधने की कोशिश की. गंगा और यमुना नदियों के दोआब में स्थित इन दोनों धार्मिक स्थलों से बड़ी तादाद में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों की आस्था जुड़ी है. श्री शाकुंभरी देवी वेस्ट यूपी का विख्यात सिद्धपीठ है, वहीं खानकाह रायेपुर भी ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है. जंग-ए-आजादी में खानकाह की अहम भूमिका रही है, यहीं से तहरीक-ए-रेशमी रुमाल चली थी. किसान पंचायत की शुरुआत भी उन्होंने माता शाकंभरी से किया. उन्होंने मंच से मां शाकंभरी की कथा भी सुनाई. इसके पीछे उनकी मंशा हिंदू और मुस्लिमों को किसान आंदोलन में भाजपा के खिलाफ कांग्रेस के साथ जोड़ने की रही. 

शहीद सैनिक परिवार से मिलीं
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सहारनपुर में किसान पंचायत के बाद सीधे शहीद सैनिक निशांत शर्मा के घर पहुंचीं और उनके परिवार से मिलीं. प्रियंका ने निशांत के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा कि निशांत की शहादत पर उन्हें गर्व है. प्रियंका गांधी ने निशांत की पत्नी सोनम से कहा कि 'मैं हमेशा तुम्हारे परिवार के साथ हूं, तुम्हें कभी भी कोई दिक्कत हो तो मेरे व्यक्तिगत नंबर पर कॉल करना या मैसेज देना, समस्या का तुरंत समाधान कराया जाएगा. आप सीधे मुझसे बात कर सकती हैं. प्रियंका गांधी ने शहीद परिवार से मिलकर उनके जख्मों पर मरहम लगाने के साथ-साथ सियासी तौर पर संदेश देने की कवायद भी की है. 

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किसानों को साथ जोड़ती नजर आईं
उत्तर प्रदेश में लगातार ठोकरें खाती जा रही कांग्रेस अब सधे कदमों के साथ आगे बढ़ना चाहती है. कृषि कानून विरोधी आंदोलन को अपने प्रयासों से गर्माने की पूरी कोशिश कांग्रेस ने शुरू कर दी है, जिसका आगाज बुधवार को सहारनपुर के चिलकाना पंचायत से हुआ है. प्रियंका गांधी ने साफ कहा कि पीएम मोदी का दिल किसानों के लिए नहीं बल्कि देश के उद्योगपतियों के लिए धड़कता है. इतना ही नहीं प्रियंका किसानों से कानून वापसी तक आंदोलन नहीं खत्म करने की अपील भी करती नजर आईं. साथ ही उन्होंने किसानों के बहाने बीजेपी पर जमकर हमले किए. 

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली सीमा पर चल रहे किसानों के आंदोलन के समानांतर यूपी में प्रियंका वाड्रा भी चार पंचायतों को संबोधित कर गांव-किसानों के बीच पार्टी की जमीन तैयार करने का प्रयास करेंगी. किसान पश्चिम यूपी की सियासत की दशा और दिशा तय करते हैं, जिसे कांग्रेस बाखूबी तरीके से समझ गई है और उसे अब कैश कराने की जुगत में है. 2009 के चुनाव में कांग्रेस को पश्चिम यूपी में अच्छी खासी सीटें मिली थीं, जिसे अब वो दोबारा से हासिल करना चाहती है. कषि कानून को लेकर जिस तरह से पश्चिम यूपी में महापंचायतों का दौर है, उसमें कांग्रेस किसी भी हाल में अपने आपको पीछे नहीं रखना चाहती है. 

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