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सक्रिय हुईं प्रियंका गांधी, दिल्ली में UP के नेताओं संग कर रहीं बैठक

प्रियंका गांधी की यह बैठक अहम मानी जा रही है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में विधानसभा उपचुनाव के लिए संभावित प्रत्याशियों के नाम पर चर्चा होगी. बैठक में प्रत्याशियों के नाम पर निर्णय भी हो सकता है.

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कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी (फाइल फोटोः आज तक)
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी (फाइल फोटोः आज तक)

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  • उत्तर प्रदेश कांग्रेस को मिल सकता है नया अध्यक्ष
  • विधानसभा उपचुनाव के उम्मीदवारों पर होगी चर्चा
  • नए सिरे से होगा पार्टी की रणनीति पर विचार

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव के रूप में सक्रिय राजनीति में कदम रखने वाली प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया. 2017 के विधानसभा चुनाव में यूपी को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का साथ पसंद नहीं आने के बाद 2019 में पार्टी को प्रियंका से चमत्कार की आस थी. हालांकि करारी मात के बाद सांगठनिक मोर्चों पर जूझ रही पार्टी में जान डालने की कोशिश कर रही प्रियंका फिर से सक्रिय हो गई हैं.

प्रियंका गांधी शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के बड़े नेताओं के साथ बैठक कर रही हैं. यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के कई मंत्रियों के इस्तीफे से रिक्त हुई विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. ऐसे में प्रियंका गांधी की यह बैठक अहम मानी जा रही है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में विधानसभा उपचुनाव के लिए संभावित प्रत्याशियों के नाम पर चर्चा होगी. बैठक में प्रत्याशियों के नाम पर निर्णय भी हो सकता है.

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पार्टी सूत्रों की मानें तो बैठक में उत्तर प्रदेश कांग्रेस की कमान किसे सौंपी जाए, इसपर भी मंथन होगा. उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को नया प्रदेश अध्यक्ष भी मिल सकता है. प्रियंका की इस बैठक में कांग्रेस के उत्तर प्रदेश के कई बड़े नेता शिरकत कर रहे हैं. ऐसे में उम्मीद यह भी जताई जा रही है कि पार्टी की रणनीति पर नए सिरे से विचार होगा. पार्टी का सांगठनिक ढांचा चुस्त-दुरुस्त करने के लिए विभिन्न कदमों पर भी विमर्श होगा.

बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस तब की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरी थी. यह गठबंधन फेल रहा और भारतीय जनता पार्टी ने तीन सौ से अधिक सीटें जीत कर प्रदेश की सत्ता में वापसी की. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने प्रियंका को पूर्वी उत्तर प्रदेश और ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी का दायित्व सौंपा और अकेले चुनाव मैदान में उतरी.

नतीजा यह हुआ कि 2014 में जीती गांधी परिवार की दो सीटें भी पार्टी बरकरार नहीं रख पाई और राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को अमेठी में मात मिली. इसके बाद से ही कांग्रेस एक तरह से पुनर्गठन के दौर से गुजर रही है.

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