उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट से प्रत्याशी उतारने के बारे में अभी तक कांग्रेस पार्टी ने कोई फैसला नहीं किया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष निर्मल खत्री ने इंडिया टुडे से खास बातचीत में यह बात कही. खत्री का यह बयान उत्तर प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री के उस बयान के बाद आया जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की पारंपरिक लोकसभा सीट से कांग्रेस का प्रत्याशी खड़ा करेगी. गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने मैनपुरी से प्रत्याशी नहीं उतारा था और सपा ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ रायबरेली और अमेठी से प्रत्याशी नहीं उतारा था.
खत्री से जब पूछा गया कि क्या कांग्रेस इस बात के लिए तैयार है कि रायबरेली और अमेठी में भी अब सपा उनके प्रमुख नेताओं के खिलाफ अपने प्रत्याशी उतारेगी? इस सवाल पर खत्री की सधी टिप्पणी थी, ‘इटावा और मैनपुरी के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मांग की थी कि प्रत्याशी न उतारने के कारण वहां कांग्रेस के मनोबल पर विपरीत असर पड़ता है. ऐसे में कांग्रेस को यहां से लोकसभा प्रत्याशी उतारना चाहिए.’ खत्री ने कहा कि उनकी खुद की भी निजी राय है कि मुलायम सिंह के खिलाफ कांग्रेस को प्रत्याशी उतारना चाहिए. लेकिन साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया, ‘ये कार्यकर्ताओं की मांग है, लेकिन पार्टी ने इस बारे में कोई फैसला नहीं किया है.’
गौरतलब है कि यूपी का प्रभारी बनने के बाद राहुल गांधी के चहेते मिस्त्री की यह पहली बड़ी घोषणा थी, लेकिन कुछ घंटे के अंदर ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने ही इससे हाथ खींच लिए. मिस्त्री को उत्तर प्रदेश में संगठन मजबूत करने भेजा गया है. कांग्रेस को उम्मीद है कि कर्नाटक के प्रभारी के तौर पर विधानसभा चुनाव में मिली सफलता को मिस्त्री उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के समय भी दुहरा सकेंगे. लेकिन उनके आगाज के साथ ही जिस तरह कांग्रेसी परस्पर विरोधी बयान दे रहे हैं, उससे मिस्त्री की राह उतनी आसान नहीं होगी, जितनी दिखती है.