देश भर में कोरोना संक्रमण की रफ्तार काफी तेज हो चुकी है. ऐसे में जहां रोजाना एक्टिव केस की संख्या बढ़ रही है वहीं उत्तर प्रदेश की जेलों में कोरोना संक्रमण ना फैल जाए, इसके लिए 64 जिलों में 83 अस्थाई जेल बनाई गई हैं. इनमें आने वाले मरीजों को टेस्ट कराने के बाद 14 दिन के लिए क्वारनटीन करके रखा जाएगा. इसके बाद रिपोर्ट निगेटिव होने पर ही उनको स्थाई जेलों में शिफ्ट किया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक पिछले साल कोरोना संक्रमण फैलने से प्रदेश के कुल 64 जिलों की स्थाई जेलों में निरुद्ध बंदियों को संक्रमण से बचाने के लिए कुल 83 अस्थाई जेलों का निर्माण किया गया था. जिनमें नए आने वाले बंदियों को 14 दिन रखकर उनका कोविड टेस्ट करावाया जाता था. वहीं निगेटिव आने पर ही उन्हें स्थाई जेलों में भेजा जाता था.
अस्थाई कारागार कोरोना काल में बंद हुए स्कूल कॉलेज, हॉस्टल, चिकित्सालय आदि में बनाई गईं थीं. बड़े जिलों में तो एक से अधिक अस्थाई जेलें भी बनाई गईं. वहीं लखनऊ, मेरठ और मुरादाबाद जैसे बड़े जिलों में दो अस्थाई जेलें बनाई गईं. लेकिन कोरोना संक्रमण के कम होने पर स्कूल कॉलेजों के खुल जाने पर अस्थाई जेलों को जिला प्रशासन की ओर से बंद किया जाने लगा था. वहीं, नए बंदियों को सीधे जेल में लेजाकर आइसोलेशन में रखा जाने लगा, जो अब तक जारी है.
11 फरवरी 2021 की स्थिति के अनुसार मात्र 35 अस्थाई जेल का ही संचालन हो रहा था जिनमें 4319 बंदी निरुद्ध थे. हालांकि, इस बीच जेल अधीक्षकों की ओर से स्थाई जेलों को कोरोना से बचाने के लिए जिला प्रशासन से लगातार अस्थाई जेल की व्यवस्था सुचारू बनाए रखने और पहले से ही संचालित अस्थाई जेल बंद न किए जाने का अनुरोध भी किया जाता रहा.