उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य महकमा कोरोना काल में कितना एक्टिव है, इसका अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित कानपुर में पिछले 5 दिन से बिना मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के काम चल रहा है. 75 हजार कोरोना मरीजों वाले कानपुर में पांच दिनों के बाद भी नए सीएमओ ने चार्ज नहीं लिया है.
गौरतलब है कि कानपुर में अबतक 75 हजार से ज्यादा कोरोना केस सामने आ चुके हैं और करीब 1300 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है. इस समय भी 13 हजार 860 एक्टिव केस है, लेकिन हैरानी इस बात की है कि पांच दिन से कानपुर में कोई सीएमओ नहीं है. पिछले दिनों ही सीएमओ डॉक्टर अनिल मिश्रा का गोंडा ट्रांसफर कर दिया गया था.
डॉक्टर नेपाल सिंह को कानपुर का नया सीएमओ बनाया गया, लेकिन उन्होंने अभी तक चार्ज ही नहीं लिया. शहर के साथ हो रही इस नइंसाफी के कारण हर रोज मौत का ग्राफ बढ़ रहा है. सोमवार को चौबीस घंटे में 57 कोरोना मरीजों की मौत हो गई, जबकि मंगलवार को चौबीस घंटे में 34 कोरोना मरीजों ने दम तोड़ दिया.
रोजाना हजारों की संख्या में नए कोरोना मरीज सामने आ रहे है. मरीजों को बेड और ऑक्सीजन नहीं मिल रही है, लेकिन जिस सीएमओ पर कोरोना कंट्रोल करने की जवाबदेही है, वह अभी तक चार्ज ही नहीं ले पाया है. न तो शासन की इसकी फ़िक्र है, न प्रशासन को. शहर के सभी बड़े अधिकारी हर बार की तरह इस बार भी चुप्पी साधे हुए हैं.
इस मामले पर कानपुर के बड़े अधिकारियों का पक्ष जानने की कोशिश की गई तो हमेशा की तरह किसी का फोन नहीं उठा. शायद अधिकारी जानते है कि लखनऊ से हर किसी का फोन उठाने का आदेश तो आदेश तो सिर्फ सुर्खियां बनाने के लिए था, असली में फोन उठाने को थोड़े ही था.