दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर में कोरोना संक्रमण की रफ्तार काफी तेज हो गई है. बुधवार को जिले में 536 कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आए और 4 लोगों की मौत हुई, लेकिन पिछले दो दिनों से अंतिम संस्कार स्थल पर जुट रही भीड़ बेहद चौंकाने वाली है. बीते सोमवार और मंगलवार को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 95 लोगों की अंत्येष्टि की गई.
अंतिम संस्कार स्थल से मिली जानकारी के मुताबिक, इन 95 में से 75 शव कोरोना से संक्रमित थे, यानी 75 लोगों की मौत कोरोना के कारण हुई, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा रोजाना जारी रिपोर्ट के मुताबिक, 2 दिनों में केवल 12 लोगों की ही मौत हुई. सवाल ये है कि अगर कोरोना से 12 लोगों की मौत हुई तो अंतिम संस्कार स्थल पर इतने शव कैसे और कहां से आ रहे हैं?
आजतक की पड़ताल में पता चला कि सिर्फ ग्रेटर नोएडा और नोएडा के ही नहीं बल्कि दिल्ली-एनसीआर से भी कई शव आते हैं, जिनका अंतिम संस्कार यहां किया जाता है. दिल्ली के रहने वाले कई मरीज ऐसे हैं, जिन्हें नोएडा के अस्पताल में भर्ती किया गया है, जिनकी मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार भी नोएडा में होता है.
जबकि मौत का आंकड़ा उनके पते और आधार के रिकॉर्ड पर दर्ज होता है. दूसरी ओर दिल्ली के बॉर्डर के आस-पास रहने वाले कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार भी नोएडा में होता है.
नोएडा जिला प्रशासन के मुताबिक, एक दिन में करीब 18 से 25 शव क्रेमेशन के लिए दिल्ली से नोएडा या ग्रेटर नोएडा लाए जाते हैं. ऐसे में नोएडा के श्मशाम घाटों पर शवों का ढेर लग जाता है. जिला प्रशासन से मिले आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार को नोएडा में 51 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया और मंगलवार को 48 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया है.