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UP: पहले सांस लेने में तकलीफ फिर मरीज तोड़ रहे हैं दम, बरेली के गांव में 26 लोगों की मौत

गांव वालों के मुताबिक बुखार आता है, फिर सांस लेने में दिक्कत होती है और फिर मरीज दम तोड़ देता है. पिछले 10 दिनों में इस गांव में इन्हीं लक्षणों की वजह से 26 मौतें देख ली हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर ( फोटो-पीटीआई)
प्रतीकात्मक तस्वीर ( फोटो-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • यूपी के गांव में कोरोना का खौफ
  • 10 दिन में 26 ने गंवाई जान
  • गांव वाले बता रहे रहस्यमयी बीमारी

उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर अब गांव तक पहुंच चुका है, इस बात को सभी मान चुके हैं. लेकिन जानकारी के आभाव में कई लोग इसे अभी एक रहस्यमयी बीमारी बता रहे हैं. इस वजह से लोगों को समय रहते इलाज भी नहीं मिल पा रहा है और कई की जान भी जा रही है. ताजा मामला बरेली के क्यारा गांव का है जहां पर कई लोगों में कोरोना जैसे लक्षण दिखाई पड़ रहे हैं और वे इलाज के आभाव में अपना दम तोड़ दे रहे हैं.

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यूपी के गांव में कोरोना का खौफ

गांव वालों के मुताबिक बुखार आता है, सांस लेने में दिक्कत होती है और फिर मरीज दम तोड़ देता है. पिछले 10 दिनों में इस गांव ने इन्हीं लक्षणों की वजह से 26 मौतें देख ली हैं. लेकिन फिर भी गांव में स्वास्थ्य का कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है. एक अस्पताल जो बनाया भी गया है वहां पर बेड की भारी कमी है जिस वजह से मरीजों को एडमिट नहीं किया जाता है और वे अपना दम तोड़ देते हैं. मरीजों के इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तो बनाया गया है, लेकिन गांव वाले आरोप लगाते हैं कि डॉक्टर वहां कोई जांच नहीं करते हैं. वहीं दूसरी तरफ डॉक्टर गांव के लोगों के तमाम आरोपों को बेबुनियाद बता देते हैं.

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अस्पताल में डॉक्टर इलाज नहीं कर रहे

ये यूपी का पहला गांव नहीं जहां पर लोगों की इलाज के आभाव में मौत हो रही हो. अब तो हर गांव से ऐसी ही तस्वीर देखने को मिल रही है. कहीं पर लोगों में ही जागरूकता की कमी दिखाई पड़ रही है तो कहीं पर डॉक्टरों ने ही बहानों की एक लंबी लिस्ट तैयार रखी है. वजह कई दिखाई पड़ रही हैं, लेकिन इस लापरवाही की वजह से गांव में कई लोग इस महामारी के आगे घुटने टेक रहे हैं और उनकी मौत हो रही है. अब तो कई गांव ऐसे भी सामने आ रहे हैं जहां पर नदी में ही मृतक के शवों को प्रवाहित किया जा रहा है. हर तरफ सिर्फ बेबसी और तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है, लेकिन फिर भी प्रशासन की तरफ से कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए जा रहे. कोई चेकअप की व्यवस्था नहीं है और ना ही कोई स्वास्थ्य महकमा मदद को आगे आ रहा है.

उत्तर प्रदेश के कोरोना ग्राफ में भी इस पहलू को साफ समझा जा सकता. कुछ हफ्तों पहले तक देश के सबसे बड़े राज्य में शहरों के जरिए कोरोना के रिकॉर्डतोड़ मामले देखने को मिल रहे थे, लेकिन अब वहां पर स्थिति कंट्रोल में आती दिख रही है और गांव में पैर पसार चुका कोरोना अपना रौद्र रूप दिखा रहा है.

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