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लखनऊ में बेकाबू कोरोना, शिवसेना की मांग- भारतीय सेना के हाथों में सौंपी जाए स्वास्थ्य सेवा

शिवसेना ने लखनऊ में राज्यपाल को दिए ज्ञापन में राजधानी के हालात देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं की बहाली के लिए भारतीय सेना को उतारने की आवश्यकता की बात कही.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • शिवसेना ने कोरोना के बिगड़ते हालत पर ज्ञापन सौंपा
  • शिवसेना ने राज भवन पर उदासीनता का आरोप लगाया
  • प्रदेश प्रमुख अनिल सिंह ने राज्यपाल को दिया ज्ञापन

लखनऊ में कोविड-19 संक्रमण के दौरान बिगड़ी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर उत्तर प्रदेश शिवसेना के राज्य प्रमुख ने आज गुरुवार को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को ज्ञापन लेकर लखनऊ की स्वास्थ्य सेवाएं भारतीय सेना के हवाले करने की मांग की है.

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ज्ञापन में शिवसेना ने लखनऊ में हालात देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं की बहाली के लिए भारतीय सेना को उतारने की आवश्यकता की बात कही. जानकारी के मुताबिक लखनऊ में शिवसेना के उत्तर प्रदेश प्रमुख ठाकुर अनिल सिंह ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन भेजा.

राज्यपाल को दिए ज्ञापन में कहा गया कि लखनऊ की स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल होने पर भारतीय सेना के हवाले कर दे दी जानी चाहिए. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने राज भवन कार्यालय पर उदासीनता का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि राजभवन कार्यालय, बीजेपी कार्यालय की तरह काम कर रहा है. जहां पर अब लोकतंत्र बचा नहीं है इसलिए अब वहां पर विपक्ष का प्रवेश भी वर्जित है. राज भवन पर निशाना साधते हुए लखनऊ शिवसेना ने कहा कि पिछले साल 2 कैबिनेट मंत्रियों ने दम तोड़ा, लेकिन उसके बाद भी राजभवन ने खामोशी नहीं तोड़ी.
 

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उन्होंने कहा कि अब राजधानी लखनऊ सहित पूरा प्रदेश कोरोना की चपेट में है, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री बंगाल चुनाव प्रचार में लगे रहे. यहां तक मुख्यमंत्री स्वयं और पूर्व मुख्यमंत्री कोरोना पॉजिटिव हो गए. यही नहीं प्रदेश के कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक लखनऊ की स्वास्थ्य सेवा पर प्रश्नचिन्ह लगाते नजर आए तो ऐसे प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को स्वयं ही समझा जा सकता है.

लखनऊ की हालात पर बात करते हुए कहा कि यहां की स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि श्मशान में टोकन देने का कार्य चल रहा है. ऐसे में राजधानी में स्वास्थ्य सेवाओं की बहाली के लिए भारतीय सेना को उतारने की अब आवश्यकता है.

 

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