कोरोना की दूसरी लहर ने किसी को भी नहीं बख्शा है. क्या बच्चे क्या बूढ़े सभी इस वायरस का शिकार भी हो रहे हैं और कई तो अपनी जान भी गवा रहे हैं. कोरोना की इस सुनामी से सभी त्रस्त हो चुके हैं और बस इस महामारी के अंत का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन इस महामारी के दौरान भी हौसला बढ़ाने वाली कई घटनाएं सुनने-देखने को मिल रही हैं. इसी कड़ी में अब आठ दिन के बच्चे ने कोरोना से जंग जीत ली है.
8 दिन का नवजात कोरोना से जीता
ये घटना गाजियाबाद की है जहां पर 15 दिन पहले एक नवजात बच्चे को यशोदा अस्पताल में एडमित करवाया गया था. डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे के माता-पिता कोविड पॉजिटिव थे और उनकी बीमारी का असर उस नवजात में भी दिखने लगा था. बच्चे को सांस लेने में तकलीफ थी और वो सुस्त भी नजर आ रहा था. अस्पताल प्रशासन ने तुरंत ही बच्चे का इलाज शुरू किया और देखते ही देखते उसे कोरोना से जंग जितवा दी. 15 दिन तक इस महामारी से लड़ने के बाद वो नवजात अब एक कोरोना योद्धा बन गया है. बच्चे की कोरोना रिपोर्ट भी निगेटिव आ गई है.
समय पर मिल गया सही इलाज
आठ दिन के बच्चे का ये लड़ने का जज्बा सभी को प्रेरणा दे रहा है. बता रहा है कि अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो तो बड़ी से बड़ी महामारी से जीता जा सकता है. इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां पर क्या बच्चे क्या बूढ़े, सभी ने कोरोना को हराया है और खुद को कोविड वॉरियर साबित किया है. सभी ने दिखा दिया है कि जो जंग जीतता है, वहीं असली सिकंदर कहलाता है. गाजियाबाद के इस नवजात की बात करें तो वो अब स्वस्थ है और अपने परिवार संग है. अस्पताल प्रशासन भी अपनी इस सफलता पर काफी गर्व महसूस कर रहा है. उनकी नजरों में ये केस मुश्किल और संवेदनशील था, लेकिन सही इलाज की वजह से उस नवजात ने कोरोना पर जीत दर्ज की.
गाजियाबाद में ऑक्सीजन लंगर
वैसे इस मुश्किल दौर में गाजियाबाद से कई ऐसी खबरें सामने आ रही हैं जिन्हें देख उम्मीद भी जगती है और लोगों का हौसला भी बढ़ता है. इस समय इंदिरापुरम में ऑक्सीजन लंगर लगाया जा रहा है जिसके जरिए जरूरतमंद लोगों को ऑक्सीजन के सिलेंडर दिए जाते हैं. गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी की ओर से हेल्पलाइन नंबर 9097041313 भी जारी किया गया है.