scorecardresearch
 

लखनऊ में ऑक्सीजन सिलेंडर के बाद ऑक्सीजन रेगुलेटर की किल्लत, दर-दर भटक रहे लोग

लखनऊ के लाल बाग स्थित कई सर्जिकल की दुकानों पर लोग सुबह से शाम तक रेगुलेटर के लिए आते हैं और अपने मरीज की जान बचाने की गुहार करते हैं लेकिन किसी भी दुकान पर ऑक्सीजन रेगुलेटर नहीं मिलता है.

Advertisement
X
लखनऊ में ऑक्सीजन रेगुलेटर की किल्लत
लखनऊ में ऑक्सीजन रेगुलेटर की किल्लत
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लखनऊ से गायब ऑक्सीजन रेगुलेटर
  • लोग बता रहे अपनी आपबीती
  • दुकानदारों ने बताया असल कारण

देश में कोरोना की दूसरी लहर ने हाहाकार मचा रखा है. हर अस्पताल अब ऑक्सीजन और बेड की कमी से जूझ रहा है. ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए तो लंबी-लंबी कतारें लगने लगी हैं. किसी को सफलता मिल रही है तो कोई खाली हाथ मायूस लौट रहा है. लेकिन इस बीच अब लखनऊ में ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ-साथ ऑक्सीजन रेगुलेटर की भी भारी कमी हो गई है. आलम ये देखने को मिल रहा है कि लखनऊ के बाजारों से रेगुलेटर नदारद हो लिए हैं.

Advertisement

लखनऊ से गायब ऑक्सीजन रेगुलेटर

लखनऊ के लाल बाग स्थित कई सर्जिकल की दुकानों पर लोग सुबह से शाम तक रेगुलेटर के लिए आते हैं और अपने मरीज की जान बचाने की गुहार करते हैं लेकिन किसी भी दुकान पर ऑक्सीजन रेगुलेटर नहीं मिलता है. हालांकि ऑक्सीजन सिलेंडर कहीं से अरेंज हो भी जाता है तो ऑक्सीजन रेगुलेटर लाने के लिए उसको धक्के खाने पड़ते हैं.

लखनऊ के अलीगंज में रहने वाले अतीक गंगवार अपनी बहन और चाची के लिए ऑक्सीजन रेगुलेटर सुबह से ढूंढ रहे हैं. वे लाल बाग स्थित बंगाली सर्जिकल दुकान पर पहुंचे भी लेकिन इंतजाम नहीं हो पाया. उन्होंने आजतक से बातचीत के दौरान बताया कि वे सुबह से रिक्शा करके अपने बेटे को लेकर ऑक्सीजन का रेगुलेटर ढूंढ रहे हैं. उन्होंने कहीं से सिलेंडर का जुगाड़ तो कर लिया लेकिन अब रेगुलेटर नहीं मिल पा रहा है.

Advertisement

लोग बता रहे अपनी आपबीती

लखनऊ के ही जानकीपुरम में रहने वाले जीवन भी अपने पिता के लिए ऑक्सीजन रेगुलेटर ढूंढ रहे हैं. उनके पिता घर पर होम आइसोलेट हैं, ऐसे में सुबह से वे तकरीबन 50 दुकानें देख चुके हैं. लेकिन कही भी रेगुलेटर नहीं मिल पा रहा. वे रेगुलेटर की जगह कपड़ा बांध किसी तरह से काम चला रहे हैं, लेकिन इस वजह से काफी गैस बर्बाद हो रही है.

दुकानदारों ने बताया असल कारण

सर्जिकल दुकानदारों की मानें तो, उनके पास ऑक्सीजन रेगुलेटर लंबे टाइम से नहीं आ रहा है. वे बता रहे हैं कि पहले ये रेगुलेटर चेन्नई से आया करते थे, कोरोना काल में वो भी बंद हो गए हैं. इस वजह से चुनौती तो काफी ज्यादा बढ़ गई है. दुकानदार कह रहे हैं कि वे भी किसी ग्राहक को खाली हाथ नहीं भेजना चाहते, लेकिन चाहते हुए भी कोई मदद नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में अब यूपी में सिर्फ ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए मारामारी नहीं है, बल्कि रेगुलेटर को लेकर भी दर-दर भटकना पड़ रहा है.

Advertisement
Advertisement