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कोरोना से कैसे लड़ रहे हैं CM योगी आदित्यनाथ, अब तक उठाए गए ये बड़े कदम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में भले ही लॉकडाउन का ऐलान 24 मार्च से किया हो, लेकिन योगी ने जनता कर्फ्यू की शाम ही उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों और शहरों में लॉकडाउन कर दिया था. सीएम योगी लॉकडाउन में सूबे के नागरिकों को सुविधाएं देने से लेकर तमाम राज्यों में फंसे हुए लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने की दिशा में काम कर रहे हैं.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (PTI)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (PTI)

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  • यूपी में कोरोना के चलते 14 अप्रैल तक लॉकडाउन
  • सीएम योगी कोरोना से लड़ने की कर रहे हैं कोशिश

कोरोना संक्रमण की महामारी से निपटने वाले मुख्यमंत्रियों की फेहरिस्त में योगी आदित्यनाथ का नाम अभी पहली कतार में है. कोरोना के खतरों को भांपते हुए सीएम योगी ने करीब 20 दिन पहले ही स्कूलों को बंद करने और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों के साथ बैठक कर कोरोना वायरस से बचाव और लड़ने की रूप रेखा को लेकर कदम उठाने शुरू कर दिए थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में भले ही लॉकडाउन का ऐलान 24 मार्च से किया हो, लेकिन योगी ने 'जनता कर्फ्यू' की शाम ही उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों और शहरों में लॉकडाउन कर दिया था. सीएम योगी लॉकडाउन में सूबे के नागरिकों को सुविधाएं देने से लेकर तमाम राज्यों में फंसे हुए लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने की दिशा में काम कर रहे हैं. इतना ही नहीं, मजदूरों से लेकर किसानों तक को आर्थिक मदद देने से लेकर गरीबों को खाना खिलाने जैसे कदम उठा रहे हैं.

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स्कूल संस्थान बंद तो जनपदों में कंट्रोल रूम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए बैठक कर सूबे के चिकित्सकों, पैरामेडिकल व नर्सिंग स्टाफ आदि के प्रशिक्षण के विशेष कार्यक्रम तय किए थे. सीएम योगी ने 13 मार्च को ही बेसिक, माध्यमिक, उच्च और प्राविधिक शिक्षा के सभी विद्यालयों और कौशल विकास से जुड़े सभी संस्थानों को बंद करने का निर्देश दे दिया था. भारत-नेपाल सीमा के सभी चेक पोस्टों पर थर्मल एनालाइजर स्थापित किए गए थे. प्रदेश के सभी हवाई अड्डों पर स्क्रीनिंग की व्यवस्था की थी. इसके अलावा जनपदों में कोरोना वायरस से निपटने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किए थे.

डीएम से लेकर चिकित्साधिकारी को हिदायत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 मार्च को कोरोना वायरस से बचाव की तैयारियों को लेकर वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सभी जनपदों के जिलाधिकारियों, मुख्य चिकित्साधिकारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से अपने-अपने जनपदों में कोरोना वायरस से बचाव के संबंध में समयबद्ध तरीके से पूरी तैयारी सुनिश्चित किए जाने का निर्देश दिया था. इसके अलावा जिला चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड और ओपीडी में फीवर/फ्लू कार्नर का निरीक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिया था.

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साथ ही डीएम को अपने जनपद में कोरोना वायरस के रोकथाम, बचाव और उपचार से संबंधित गतिविधियों के लिए नोडल अधिकारी बनाने का निर्देश दिया था. मुख्यमंत्री ने 16 मार्च को ही स्वास्थ्य भवन परिसर में स्थित राज्य संक्रामक रोग नियंत्रण कक्ष का निरीक्षण किया. मुख्यमंत्री ने महामारियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए अत्याधुनिक उपकरणों से लैस एक स्थायी 'स्टेट ऑफ द आर्ट' कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश दिए.

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धर्मगुरुओं से जागरूकता के लिए योगी की अपील

मुख्यमंत्री ने दिहाड़ी मजदूरों के भरण-पोषण के लिए निश्चित धनराशि मुहैया कराने के उद्देश्य से वित्तमंत्री की अध्यक्षता में समिति गठित की. इस दौरान उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अपने जिले के धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों और धर्म गुरुओं से संवाद स्थापित कर कोरोना के प्रति लोगों को जागरुक करने के निर्देश दिए. निजी और सरकारी कर्मचारियों को बायोमेट्रिक हाजिरी से छूट दी. धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की भीड़ न जमा हो, इसके लिए मुख्यमंत्री धर्म गुरुओं से कोरोना वायरस के नियंत्रण के लिए समाज में जागरूकता का प्रसार करने की अपील की. मुख्यमंत्री ने विशेष परिस्थितियों को देखते हुए आमजन से अनुरोध किया कि चैत्र नवरात्रि में लोग अपने घर में ही रहकर धार्मिक अनुष्ठान पूरे करें.

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धार्मिक-सामाजिक कार्यों पर रोक तो मॉल्स भी बंद

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ, नोएडा और कानपुर शहर को सैनिटाइज करने के निर्देश दिए. इस दौरान सभी धार्मिक, आध्यात्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं मांगलिक गतिविधियों/कार्यक्रमों को 2 अप्रैल 2020 तक स्थगित कर दिए गए. इसी के साथ सूबे के सभी मॉल्स को बंद करने के निर्देश दिया. तहसील दिवस, समाधान दिवस, मुख्यमंत्री आरोग्य मेला और जनता दर्शन को 2 अप्रैल 2020 तक स्थगित कर दिया गया. 31 मार्च 2020 तक सरकारी अस्पतालों में गैर-जरूरी ओपीडी व जांच स्थगित, केवल आकस्मिक सेवाएं प्रदान करने का निर्देश जारी किया.

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मजदूरों को एक हजार रुपये देने का ऐलान

मुख्यमंत्री योगी ने श्रम विभाग के 20.37 लाख पंजीकृत श्रमिकों को 'लेबर सेस फंड' से प्रत्येक श्रमिक को 1000 रुपये प्रति माह डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. इसमें दिहाड़ी मजदूरी करने वालों के साथ, ठेला, खोमचा और साप्ताहिक बाजार से जुड़े श्रमिकों के खाते में प्रतिमाह 1000 रुपये भेजने का आदेश दिया. इसके अलावा मनरेगा और श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों एवं दिहाड़ी मजदूरों को एक माह का निःशुल्क राशन देने का कदम उठाया.

यूपी के विभिन्न पेंशन योजनाओं के 83.83 लाख लाभार्थियों को दो माह की अग्रिम पेंशन अप्रैल माह में देने का ऐलान किया. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों एवं नगर निकायों के असहाय व्यक्ति, जिनके पास अपने व परिवार के भरण-पोषण की व्यवस्था नहीं है, ऐसे व्यक्तियों को जिलाधिकारी द्वारा समिति की सिफारिश पर 1000 रुपये प्रतिमाह उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. यह धनराशि आरटीजीएस के माध्यम से मजदूरों के खाते में ट्रांसफर कर दी गई.

22 मार्च को 16 जिलों में लॉकडाउन

मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रदेश के 16 जनपदों को 23 से 25 मार्च 2020 तक पूरी तरह से लॉकडाउन करने के निर्देश दिए थे. इसके अलावा रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडों पर पहुंचने वाले सभी यात्रियों की जांच के लिए थर्मल स्कैनिंग के लिए पर्याप्त संख्या में थर्मल स्कैनरों को लगाने का निर्देश दिया था. हालांकि, 22 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में एक दिन के जनता कर्फ्यू की अपील कर रखी थी, जिसे योगी सरकार ने कड़ाई के साथ पालन कराया था.

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प्रदेश की सभी सीमाओं को सील किया

योगी आदित्यनाथ ने देश भर में लॉकडाउन से एक दिन पहले ही प्रदेश के सभी अंतर्राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया था. इसके तहत न तो कोई प्रदेश में आ सकता है और नहीं किसी को जाने का निर्देश था. मण्डी निदेशक को लॉकडाउन जनपदों में दूध और सब्जी की सप्लाई चेन मुकम्मल करने के निर्देश दिया. अधिकारियों को अन्य आवश्यक वस्तुओं तथा दवाइयों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के आदेश दिए. इसके अलावा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए 11,000 अतिरिक्त आइसोलेशन बेड तैयार किए गए हैं.

घर-घर सब्जी और खाने-पीने की चीजें पहुंचाने का निर्देश

लॉकडाउन में प्रदेश के लोगों को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 18 हजार से अधिक वाहन सब्जी, दूध, दवा व खाने-पीने की चीजें घर-घर पहुंचाने के लिए लगाए. यह सुनिश्चित किया कि रैन बसेरों, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे के बाहर तथा अन्य सार्वजनिक स्थलों पर कोई भी व्यक्ति भूखा-प्यासा न रहे. इसके लिए जिला प्रशासन कम्युनिटी किचन के माध्यम से भोजन के साथ-साथ पेयजल की व्यवस्था की. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारी संयुक्त रूप से पेट्रोलिंग करें. आमजन को आवश्यक वस्तुएं होम डिलीवरी के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएं ताकि वो संक्रमण से बचे रहें.

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लॉकडाउन में फंसे लोगों के लिए बस की सुविधा

मुख्यमंत्री योगी ने लॉकडाउन के चलते अन्य राज्यों को पैदल जाने वाले मजदूरों और कामगारों के लिए विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिए. साथ ही भोजन-पानी की व्यवस्था के अलावा स्वास्थ्य संबंधी पूरी सावधानी बरतते हुए इन लोगों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक भेजने का कदम उठाया. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए यथा स्थान ठहरने और उन्हें भोजन उपलब्ध कराने के लिए कई राज्य की सरकारों से बात की. इसके बाद यूपी वासियों को उनके घरों को तक पहुंचाने के लिए स्पेशल बसों का इंतजाम किया.

बाहर से आए लोगों की हो जांच

मुख्यमंत्री ने अन्य राज्यों से यूपी वापस आने वाले लोगों को लेकर भी कई फैसले लिए गए हैं. योगी ने निर्देश देते हुए कहा है कि 1 मार्च के बाद यूपी में बाहर से आए हर नागरिक की निगरानी और हेल्थ जांच करने पर विशेष ध्यान दिया जाए और जरा सा भी शक हो तो तुरंत क्वारनटीन किया जाए. सीएम योगी ने कोराना के चलते जो उद्यम, संस्थान बंद हैं, उन संस्थानों को उनके हर कर्मचारी को वेतन देने के निर्देश भी दिए हैं. प्रदेश में किराये पर रह रहे लोगों को लेकर भी सीएम योगी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि उनसे एक महीने का किराया न लिया जाए. इसके अलावा किसी की भी बिजली, पानी बकाए के चलते ना काटी जाए.

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11 हजार कैदियों को जमानत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की जेलों में बंद करीब 11,000 बंदियों को 8 सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत पर तत्काल रिहा किए जाने का निर्देश दिया है. इसमें 8500 विचाराधीन और 2500 सिद्धदोष बंदी शामिल हैं. इसके अलावा सीएम योगी ने सूबे के 1.63 लाख बीजेपी कार्यकर्ताओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सीधा संवाद कर बीजेपी के प्रदेश बूथ अध्यक्ष से कहा कि वो अपने गांव और मोहल्ले में 10 परिवारों से संपर्क करें. एक-एक घर से एक-एक भोजन पैकेट बनवाएं और इसे प्रतिदिन 10 जरूरतमंद गरीबों में वितरित करें.

योगी ने देश के सभी सीएम को लिखा पत्र

कोरोना वायरस संकट के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर भावुक अपील की है. सीएम आदित्यनाथ ने कहा है कि आपदा के वक्त में उत्तर प्रदेश की भूमि पर जहां के भी नागरिक हैं उन सबकी सुविधाओं का ध्यान रखना हमारी ज़िम्मेदारी है. हम उनकी हिफाजत कर रहे हैं, हमें इस आपदा से मिलकर लड़ना है. साथ ही योगी ने बाकी राज्यों की सरकारों से अपील की है कि वे उनके प्रदेशों में रह रहे उत्तर प्रदेश के निवासियों की भी देखरेख और उनकी हिफाजत करें.

योगी ने दी किसानों को सौगात

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने किसानों को लॉकडाउन में छूट देने का ऐलान किया है. योगी सरकार ने शुक्रवार को फैसला लिया कि रबी फसलों की कटाई में इस्तेमाल होने वाले कम्बाइन हारवेस्टर समेत दूसरे उपकरणों को लॉक डाउन से छूट मिलेगी. इसके साथ ही उर्वरक की दुकानें खुली रहेंगी. सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि मौजूदा समय में मूंग, मक्का, मूंगफली, ज्वार, बाजरा, हरा चारा, सब्जी की बुआई के साथ-साथ रबी फसलों की कटाई का समय शुरू हो गया है. किसानों को और राहत देते हुए योगी सरकार ने उर्वर, बीज और कृषि रक्षा रसायनों के बिक्री केंद्र को खोलना और उनके निर्माण-आपूर्ति को चालू रखने का फैसला किया है.

मनरेगा मजदूरों के अकाउंट में भेजा पैसा

लॉकडाउन के चलते मजदूरों पर मार न पड़े और रोजी-रोटी का संकट न आए. इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने मजदूरों को आर्थिक मदद करने का फैसला किया है. प्रदेश के 27.5 लाख मनरेगा मजदूरों के अकाउंट में 611 करोड़ रुपये भेजे गए. केंद्र सरकार ने मनरेगा मजदूरों की मजदूरी 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये कर दी है. इसके बाद योगी सरकार की ओर से यह बढ़ाई गई मजदूरी राशि दी गई है.

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