कोरोना वायरस की महामारी का फैलाव रोकने के लिए देश में 3 मई तक लॉकडाउन लागू है. रेल और बस के साथ ही विमान जैसे परिवहन के साधनों का परिचालन पूरी तरह से बंद है. फिर भी लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों के घर लौटने का सिलसिला जारी है. दिल्ली, मुंबई और अन्य शहरों से लौट रहे युवकों को 14 दिन के लिए क्वारनटीन सेंटर्स में क्वारनटीन किया जा रहा है.
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उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले के एक क्वारनटीन सेंटर में एक युवक की मौत हो गई है. परिजनों का दावा है कि वह मुंबई से पैदल चलकर अपनी मौत से महज चंद घंटे पहले ही गांव पहुंचा था, जहां उसे क्वारनटीन किया गया था. आरोप है कि गैर राज्यों और जिलों से आने वाले लोगों को जहां क्वारनटीन किया जा रहा है. वहां केवल भोजन का ही इंतजाम है. चिकित्सा आदि का कोई इंतजाम नहीं है.
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बताया जाता है कि यह घटना श्रावस्ती जिले के मल्हीपुर थाना क्षेत्र के मठखनवा गांव की है. युवक महाराष्ट्र से पैदल चलकर बहराइच के रास्ते चोरी-छिपे गांव पहुंचा था. युवक को गांव के स्कूल में बने क्वारनटीन सेंटर में 14 दिन के लिये क्वारनटीन किया गया था. लेकिन 14 दिन की कौन कहे, वह 14 घंटे भी क्वारनटीन नहीं रह सका. दोपहर एक बजे के आसपास उसकी मौत हो गई.
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क्वारनटीन सेंटर में युवक की मौत की खबर जंगल में लगी आग की तरह फैल गई. स्वास्थ्य विभाग के साथ ही पुलिस विभाग के आला अधिकारी भी आनन-फानन में गांव पहुंच गए. अधिकारियों ने कोरोना प्रोटोकॉल के तहत युवक का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भिजवा दिया. सीएमओ पी भार्गव ने इस संबंध में कहा कि अभी मौत के कारण को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता. उन्होंने कहा कि सुबह 7 बजे ही वह महाराष्ट्र से आया था. जब तक कुछ स्पष्ट नहीं हो जाता, कुछ भी कहना मुश्किल है.
(पंकज वर्मा का इनपुट)