
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) से रिटायर्ड डॉक्टर डोल का निधन हो गया है. एसजीपीजीआई के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष रहे डॉक्टर डोल ने ताउम्र वायरस पर ही शोध किए. वे कोरोना से संक्रमित थे. डॉक्टर डोल को कोरोना संक्रमित होने के बाद 31 अगस्त को उपचार के लिए एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था.
डॉक्टर डोल को ऑक्सीजन लेवल कम होने के बाद वेंटिलेटर पर रखा गया था. उनके निधन पर एसजीपीजीआई के निदेशक डॉक्टर आरके धीमान ने शोक व्यक्त किया और वायरस पर उनके शोध कार्यों को याद किया. डॉक्टर धीमान ने कहा कि जापानी इंसेफ्लाइटिस पर डॉक्टर डोल की रिसर्च काफी कामयाब रही थी. इसके लिए चिकित्सा जगत डॉक्टर डोल को हमेशा याद रखेगा.
एसजीपीजीआई के निदेशक ने डॉक्टर डोल को उच्च कोटि का चिकित्सक बताते हुए कहा कि अपने जीवनकाल में उन्होंने डेंगू, पीलिया, h1-n1 जैसे वायरस को लेकर भी काफी काम किए. उनके काम को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी फेलोशिप दी थी. उन्हें कई सम्मान से भी सम्मानित किया गया था.
टेस्टिंग लैब किया था स्थापित
एसजीपीजीआई की जिस लैब में आज कोरोना टेस्ट हो रहे हैं, उस लैब को डॉक्टर डोल ने ही स्थापित किया था. एसजीपीजीआई के इस लैब में हर रोज 5500 के करीब टेस्टिंग हो रही है. डॉक्टर डोल मधुमेह और हृदय रोग से भी ग्रसित थे. डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें दो दफे दिल का दौरा भी पड़ा था.