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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित मायो हॉस्पिटल के संचालक और प्रबंध निदेशक पर अनियमितताओं के चलते केस दर्ज हुआ है. हॉस्पिटल प्रबंधन पर आरोप है कि यहां मरीजों से तय दरों से ज्यादा रकम वसूली जा रही है. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद यह कदम उठाया गया है.
एक जांच कमेटी ने पहले हॉस्पिटल की यथास्थिति पर रिपोर्ट तैयार की, जिसके बाद गोमतीनगर थाने में एसीएमओ ने अस्पताल प्रबंधन पर केस दर्ज कराया है. ऐसा आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों से मोटी रकम वसूली है.
गोमतीनगर थाने में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक तय प्रावधानों से अधिक रकम मरीज से वसूली गई है. इस शिकायत की जांच में उप जिलाधिकारी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, उप मुख्य चिकित्साधिकारी और अधीक्षक शामिल रहे. चार सदस्यीय इस टीम ने पूरे मामले की गंभीरता से पड़ताल की, जिसके बाद यह कार्यवाही की गई है.
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किन आरोपों के तहत चलेगा केस?
दर्ज शिकायत के मुताबिक अस्पताल पर एपीडेमिक डिजीज एक्ट 1897 और उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी अधिनियम 2020 की सुसंगत धाराओं के तहत केस चलाने के निर्देश दिए गए हैं. इसमें उत्तर प्रदेश कोविड-19 विनियमावली 2020 में निहित प्रावधानों के तहत भी केस चलाया जाएगा.
आपदा को अवसर समझ रहे प्राइवेट अस्पताल
महामारी के दौर में भी कुछ प्राइवेट अस्पताल मरीजों से मनचाही रकम वसूल रहे हैं. परिजनों की मजबूरी है कि अस्पताल की हर मांगें अपने मरीजों की जान बचाने के लिए उन्हें पूरी करनी पड़ रही है. लखनऊ के मेट्रो अस्पताल, साईं लाइफ अस्पताल और आशी अस्पताल पर भी मरीजों से ऐसी ही वसूली के गंभीर आरोप लगे हैं. कोविड-19 के नोडल अधिकारी रोशन जैकब ने जांच में आरोपों को सही पाया था, जिसके बाद सीएमओ ने इन अस्पतालों के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिए थे.
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