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कोरोना संकट: अपनों के निशाने पर ही योगी सरकार, BJP के MP, MLA और मंत्री उठा रहे सवाल

उत्तर प्रदेश में कोरोना से बिगड़े हालात के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव लगातार योगी सरकार को घेरने में जुटे हैं. वहीं, बीजेपी सांसदों, विधायकों और पार्टी नेताओं ने सूबे में कोरोना से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा बनाई गई टीम-11 पर सवाल खड़ा किया है. ऐसे में विपक्ष के साथ-साथ योगी सरकार अपनों के भी निशाने पर है. 

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सांसद कौशल किशोर लखनऊ के हालत पर चिंतित
  • मंत्री बृजेश पाठक ने अधिकारियों की लापरवाही उजागर की
  • प्रियंका गांधी ने भी सरकार के खिलाफ सवाल खड़े किए

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. सूबे की बिगड़ी स्थिति के लिए विपक्षी दल योगी सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव लगातार योगी सरकार को घेरने में जुटे हैं. वहीं, बीजेपी सांसदों, विधायकों और पार्टी नेताओं ने सूबे में कोरोना से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा बनाई गई टीम-11 पर सवाल खड़ा किया है. ऐसे में विपक्ष के साथ-साथ योगी सरकार अपनों के भी निशाने पर आ गई है. 

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कोरोना संक्रमण के चलते यूपी में अभी तक तीन बीजेपी विधायकों की जान जा चुकी है. इसके अलावा सत्तापक्ष और विपक्ष के तमाम नेता कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. ऐसे में लखनऊ के मोहनलालगंज से बीजेपी सांसद कौशल किशोर से लेकर मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल, औराई से बीजेपी विधायक दीनानाथ भास्कर और दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री सुरेश भराला ने चिट्ठी लिखकर सवाल खड़े किए हैं. योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक ने तो लखनऊ के हालात को लेकर बाकायदा चिट्ठी लिखकर अधिकारियों की लापरवाही को उजागर किया था. 

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच लखनऊ में चरमराती स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर यूपी के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) और प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) को चिट्ठी लिखकर कहा था कि स्वास्थ्य सेवाओं की हालात काफी चिंताजनक हैं. ब्रजेश पाठक ने समस्याएं गिनाते हुए पत्र में लिखा था कि लखनऊ के अस्पतालों में बेड नहीं है, ऐंबुलेंस समय पर नहीं मिल रही है और न ही मरीज को इलाज मिल पा रहा है. उन्होंने लखनऊ में कोविड बेड बढ़ाने, पर्याप्त जांच किट और प्राइवेट लैब में कोविड जांच शुरू कराने की भी बात कही थी. 

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बृजेश पाठक ने चिट्ठी में इतिहासविद योगेश प्रवीण को भी एम्बुलेंस न मिलने का जिक्र करते हुए लिखा था कि उन्होंने खुद सीएमओ से बात कर एम्बुलेंस मुहैया करवाने का अनुरोध किया, लेकिन घंटों तक उन्हें एम्बुलेंस नहीं मिली. समय से चिकित्सा सुविधा न मिल पाने के कारण उनका निधन हो गया. उन्होंने कहा था कि इन परिस्थितियों को शीघ्र नियंत्रित नहीं किया गया तो लखनऊ में लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है. बृजेश पाठक ने सीधे तौर पर अपनी ही सरकार के अधिकारियों पर सवाल खड़े करके यह बता दिया था कि राजधानी लखनऊ की हालत किस कदर खराब है? 

मोहनलालगंज से बीजेपी सांसद कौशल किशोर कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में लखनऊ की बिगड़ी हालत को लेकर काफी चिंतित है और लगातार अपनी ही सरकार की व्यवस्थाओं को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. प्रदेश के सबसे बड़े किंग जॉर्ज मेडीकल कालेज  (केजीएमयू) और बलरामपुर अस्पताल में कोरोना मरीजों के इलाज की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए हैं. कौशल किशोर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा है कि केजीएमयू में बेड और वेंटिलेटर खाली पड़े हैं, लेकिन मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है.

कौशल किशोर ने कहा कि यदि किसी अस्पताल के बाहर बिना इलाज मरीज की मौत होती है और अस्पताल में बेड छह घंटे से अधिक खाली रहता है तो संबंधित जिम्मेदार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए. कौशल किशोर के भाई का कोरोना के चलते तीन दिन पहले देहांत हो गया था. कौशल किशोर ने राजधानी में ऑक्सीजन सिलेंडर की त्राहि-त्राहि पर भी सवाल उठाते हुए राज्य सरकार से मांग की थी, अगर इसको दुरुस्त नहीं किया गया तो वह धरना प्रदर्शन तक करेंगे.

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कौशल किशोर के साथ-साथ मेरठ से बीजेपी सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने भी चिट्ठी लिखकर कोरोना की बदहाल व्यवस्था को उजागर किया था. राजेंद्र अग्रवाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा कि मेरठ के सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल आक्सीजन की अपर्याप्त आपूर्ति के संकट से जूझ रहे हैं. ऐसे में प्रतिदिन 35 मीट्रिक टन आक्सीजन मेरठ को उपलब्ध कराई जाए. साथ ही उन्होंने अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने की मांग उठाई है. 

उत्तर प्रदेश में श्रम विभाग के चेयरमैन सुनील भराला, बीजेपी के व्यापार प्रकोष्ठ के नेता विनीत अग्रवाल शारदा, महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल ने जहां मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर स्वास्थ्य सेवाओं पर चिंता जतायी है इन सभी नेताओं ने मेरठ में अस्पतालों के भीतर बेड न होने, ऑक्सीजन की लगातार कमी होने और जरूरी दवाओं की कमी का मुद्दा उठाते हुए इसे पूरा करने की मांग की है. 

वहीं, बरेली के नवाबगंज से बीजेपी विधायक केसर सिंह गंगवार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर खुद के लिए दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में एड बेड उपलब्ध कराने की मांग की थी, जो उन्हें नहीं मिल सका और बुधवार को उनका निधन हो गया. ऐसे ही भदोही जिले के औराई से बीजेपी विधायक दीनानाथ भास्कर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जिला महामंत्री लाल बहादुर मौर्या की कोविड अस्पताल में कोरोना से मौत के मामले जांच कराने की मांग की है. 

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दरअसल, बीजेपी नेताओं का ज्यादातर नाराजगी कोरोना से निपटले की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर है. इन नेताओं का गुस्सा उन चुनिंदा 11 अधिकारियों पर ही फूट रहा है, जिन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ने कोरोना से निपटने के लिए 'टीम इलेवन' का दर्जा दिया. सूबे में इसी टीम-11 के अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि बेहतर इलाज के साथ-साथ सभी जिम्मेदार एजेंसियों के साथ तालमेल बनाकर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बेहतर करने का है ताकि मरीजों को किसी तरह की कोई समस्या ना हो, लेकिन इसका काम में पूरी विफल होती दिख रही है. 

कोरोना की दूसरे वेब में जिस तरह से सूबे में बेड से लेकर ऑक्सीजन और रेमडीसिवर की कमी से लोगो परेशान हैं और अस्पतालों में जगह न मिलने से मरीज सड़कों पर दम तोड़ रहे हैं. इस तरह से सूबे की स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से फेल हो गई है, उससे  सीएम योगी की टीम-11 पर सवाल खड़े होना लाजमी है. बीजेपी कुछ नेता सीधे तौर पर राज्य सरकार को चिट्ठी लिखकर बदहाल व्यवस्था से अवगत कराया तो कुछ लोग दबी जुबान से सरकार को कोस रहे हैं.  

सत्तापक्ष ही नहीं बल्कि विपक्ष भी योगी सरकार को लेकर मोर्चा खोल हुए है. कांग्रेस महासचिव व यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने कोरोना से मचे हाहाकार को लेकर योगी सरकार पर लगातार हमले कर रही हैं. प्रियंका ने सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिख कर प्रदेश में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं और मरीजों की लगातार जा रही जान को लेकर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए कहा है. प्रियंका गांधी ने प्रदेश सरकार पर हमला करते हुए कहा कि इस लड़ाई में उत्तर प्रदेश की जनता को अकेला मत छोड़िए मुख्यमंत्री जी, जनता के प्रति आपकी जिम्मेदारी भी है और जवाबदेही भी. साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी लगातार योगी सरकार पर हमलावर हैं. सूबे में ऑक्सीजन से लेकर बेड तक की कमी को लेकर योगी सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं. 
 

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