उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में हुए अखलाक की मॉब लिंचिंग को करीब 7 साल बीत चुके हैं. गुरुवार को इससे जुड़े एक मामले में यूपी की एक अदालत ने फैसला सुनाया. कोर्ट ने अखलाक की लिंचिंग के बाद भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक संगीत सोम को भड़काऊ भाषण देने का दोषी मानते हुए जुर्माना लगाया है. संगीत सोम पर 800 रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
बता दें कि संगीत सोम को गौतमबुद्ध नगर की जिला अदालत ने दोषी माना है. अखलाक की लिंचिंग के बाद बिसाहड़ा में संगीत सोम ने भड़काऊ भाषण दिया था. धारा 144 लगने के बाद भी संगीत सोम बिसाहड़ा गए थे. 28 सितंबर 2015 को गोहत्या के शक में भीड़ ने अखलाक लिंचिंग की थी.
इस केस में 24 दिसंबर 2015 को नोएडा पुलिस ने हत्याकांड के 15 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. 31 जुलाई 2017 को मुख्य आरोपी विशाल राणा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी. 12 फरवरी 2021 को जिला न्यायालय ने सभी 12 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे.
अखलाक की पड़ोसी विशेष देवी ने घटना के बारे में बताया था कि एकदम से हंगामा शुरू हो गया था. मैंने सभी बच्चों को जगाया था. बीफ की अफवाह के बाद जुटी भीड़ का शोर तो सुनाई दे रहा था. लेकिन घर से बाहर निकलने की हिम्मत किसी में नहीं थी. उनमें गुस्सा इस कदर था कि वे एक-दो क्या दस-बीस लोगों को वैसे ही खत्म कर देते.