समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव को उनका बड़बोलापन महंगा साबित हुआ है. रेप के मामलों में सपा सुप्रीमो के बयान से नाराज कोर्ट ने समन भेजकर न सिर्फ जवाब तलब किया बल्कि पेश होने का आदेश भी दिया.
दरअसल, मुलायम सिंह यादव ने दो दिन पहले एक बयान में कहा कि किसी महिला के साथ रेप होता है तो वह जानबूझकर घटना को बड़ा दिखाने के लिए गैंगरेप का आरोप लगाती हैं. मुलायम ने कहा, 'रेप एक ने किया, नाम चार के लिखा दिए. चार ने रेप कर दिया, कभी ऐसा हो सकता है क्या? ऐसा प्रैक्टिकली संभव नहीं है. परिवार के चार भाई थे, चारों का नाम लिखवा दिया.'
इन धाराओं के तहत भेजा गया समन
इस बयान पर यूपी के महोबा जिले की एक कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए समन जारी कर दिया . सिविल जज जूनियर डिवीजन कुलपहाड़ जस्टिस अंकित गोयल ने मुलायम सिंह यादव को धारा 504, 505, 509, 116 आईपीसी और सेक्शन 3 व 4 महिलाओं के बारे में अभद्र टिप्पणी करने के मामले में समन भेजा है. कोर्ट ने मुलायम सिंह को 16 सितंबर को पेश होने को कहा है.
मुलायम ने लगाए ये आरोप
अपने बयान में सपा मुखिया ने आरोप लगाया था कि उत्तर प्रदेश सरकार की छवि खराब करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. बदायूं केस का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'सीबीआई ने केस की जांच की तो पता चला कि बदायूं केस में रेप हुआ ही नहीं था. प्रॉपर्टी विवाद में उनके चचेरे भाइयों ने हत्या की थी. लेकिन राहुल गांधी जैसे वरिष्ठ नेता वहां पहुंचे और कानून व्यवस्था के लिए राज्य सरकार पर हमला करने से नहीं चूके.'