एक स्थानीय अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें राज्य के मंत्री और समाजवादी पार्टी नेता आजम खान के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेने की अपील की गई थी. पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ 2007 में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने और नफरत फैलाने वाला भाषण देने को लेकर उन पर मामला दर्ज है.
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बीके पांडेय ने राज्य सरकार की याचिका को स्वीकार करने से इंकार कर दिया जिसमें मायावती सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज मामले को वापस लेने की अपील की गई थी.
न्यायाधीश ने कहा कि आरोपपत्र में लगाई गई धाराओं और सरकार की ओर से दिए गए आवेदन में गड़बड़ियां हैं.
खान के खिलाफ टांडा थाने में 2007 में एससी-एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. उन पर नफरत फैलाने वाला भाषण देने और बीएसपी सुप्रीमो और तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक भाषण देने का आरोप था.