दादरी के बिसहेड़ा गांव में पड़े शीशे के टुकड़े, टूटा फ्रिज और सिलाई मशीनें 28 सितंबर की उस दर्दनाक रात की मौन गवाही दे रही हैं, जब गोमांस खाने की अफवाह के चलते मोहम्मद इखलाक को पीट-पीट कर मार दिया गया था. इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद गांव में आने वालों का तांता लग गया है और लोग ‘गलत तरीके से परेशान किए जाने’ को लेकर काफी नाराज हैं.
समृद्ध गांव है बिसेहड़ा
राजपूत समुदाय की बहुलता वाले बिसहेड़ा गांव के प्रवेश पर महाराणा प्रताप की बड़ी सी प्रतिमा और उसकी पक्की गलियां, सौर उर्जा से संचालित स्ट्रीट लाइट, एटीएम मशीनें एवं दुकानें भारत के सबसे गरीब राज्यों में शामिल उत्तर प्रदेश में इसकी अपेक्षाकृत समृद्धि की ओर इशारा करती हैं.
ग्रामीणों की नाराजगी
इसी गांव की आबोहवा और अजीब सी चुप्पी प्रशासन, मीडिया और आगंतुकों के प्रति ग्रामीणों के अविश्वास की प्रबल भावना को प्रदर्शित करती है. लोगों का आरोप है कि ‘इस बात को उजागर नहीं किया जा रहा कि घटनाक्रम के संबंध में उनका क्या कहना है.’
इखलाक के घर के पास स्थित स्थानीय बीजेपी नेता संजय राणा के घर पर बैठे ग्रामीण यशपाल सिंह ने कहा, ‘एक घटना के लिए पूरे गांव को बदनाम करना गलत है. कुछ तो गलत हुआ होगा ना जिसके लिए यह हादसा हुआ.’ यशपाल ने कहा, ‘ गलतियां होती हैं लेकिन ग्रामीणों को इस प्रकार से पीड़ित नहीं किया जाना चाहिए.'
इनपुट: भाषा