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अब अलीगढ़ में दलितों ने घरों के बाहर लगाए 'यह मकान बिकाऊ है' के बैनर-पोस्टर, जानिए पूरा मामला

Aligarh News: स्थानीय लोगों का आरोप है कि 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में कॉलोनी के लोग पार्क में एक भंडारा करने जा रहे थे, लेकिन बिल्डर ने भंडारा नहीं होने दिया.

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पलायन को मजबूर दलित
पलायन को मजबूर दलित
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अलीगढ़ में पलायन को मजबूर दलित परिवार
  • घरों पर लगाए 'यह मकान बिकाऊ है' के बैनर

UP News: यूपी के अलीगढ़ में 6 दर्जन से अधिक दलित समाज के लोगों ने घर के बाहर 'यह मकान बिकाऊ' के बैनर-पोस्टर लगाए हैं. उन लोगों ने बिल्डर के उत्पीड़न से तंग आकर यह कदम उठाया है. उनका आरोप है कि बिल्डर कॉलोनी में बने पार्कों में दलितों के कार्यक्रम नहीं होने देता है. इसलिए वो पलायन करने को मजबूर हैं. मामला महुआ खेड़ा थाना इलाके की पॉश कॉलोनी सागवान सिटी का है. पिछले साल एक अलग मामले में शामली में भी 'घर बिकाऊ' के पोस्टर लगे थे और इससे प्रदेश में काफी हलचल देखने को मिली थी. 

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दरअसल, महुआ खेड़ा थाना इलाके की पॉश कॉलोनी सागवान सिटी में लगभग 6 दर्जन से अधिक दलितों ने अपने घर के बाहर 'यह मकान बिकाऊ है' के बैनर-पोस्टर लगा दिए हैं. साथ ही उन लोगों ने बैनर पर लिखा है कि हम लोग पलायन करने के लिए मजबूर हैं. लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि दलितों के होने वाले कार्यक्रमों को बिल्डर नरेंद्र सागवान कॉलोनी में बने पार्कों में नहीं होने देता है.

आरोप है कि 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में कॉलोनी के लोग पार्क में एक भंडारा करने जा रहे थे. बिल्डर ने भंडारा नहीं होने दिया. लोगों का कहना है कि जिस कार्यक्रम को देश के प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) और प्रदेश के मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) भी धूमधाम से मनाते हैं. उस कार्यक्रम को बिल्डर नहीं मनाने दे रहा है, जबकि कॉलोनी में बने पार्कों का भी हम चार्ज देते हैं. 

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उनका कहना है कि 14 अप्रैल को बिल्डर ने पुलिस की मिलीभगत से कार्यक्रम के लिए पार्क में लगाए गए टेंट को भी हटवा दिया था. इसके बाद हम लगातार पुलिस और अन्य अधिकारियों के पास गए. अभी तक पूरे मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इन तमाम बातों से मजबूर होकर हम लोगों ने अपने घर के बाहर यह बैनर पोस्टर लगाए हैं.

वहीं, सागवान सिटी के डायरेक्टर नरेंद्र सागवान ने बताया है कि इन लोगों की ओर से उनसे अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में कार्यक्रम कराने की अनुमति मांगी गई थी. मैंने सागवान सिटी में बने स्कूल सागवान में अंबेडकर जयंती का कार्यक्रम करने की बात कही और मैंने खुद भी अंबेडकर जयंती मनाई. अब ये लोग बेवजह विवाद उत्पन्न कर रहे हैं. 

उन्होंने कहा है कि सागवान सिटी में लगभग 500 परिवार रहते हैं. किसी को कोई भी आपत्ति नहीं है. सिर्फ कुछ लोग हैं, जो राजनीति कर रहे हैं. वो उनके ऊपर प्रेशर बनाकर अपने निजी स्वार्थ सीधा करना चाहते हैं.

साथ ही नरेंद्र सागवान ने कहा है कि इस कॉलोनी में सभी धर्म और जाति के लोग रहते हैं जिसको भी जो कार्यक्रम करना है. वह कॉलोनी में बने स्कूल में अपना कार्यक्रम कर सकता है. साउंड से लेकर मंच की व्यवस्था भी वह स्वयं ही कर देंगे.

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पूरे घटनाक्रम पर एसपी सिटी कुलदीप गुनावत का कहना है कि कुछ लोगों की ओर से ओजोन सिटी के प्रबंधक पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने उनको अंबेडकर जयंती नहीं मनाने दी. मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं. दोनों पक्षों को बुलाकर बात की जा रही है, फिलहाल स्थिति सामान्य है. जांच के बाद इसका हल किया जाएगा.

बता दें कि इससे पहले शामली में भी कुछ लोगों ने अपने घरों के बाहर '...मकान बिकाऊ है' के पोस्टर- बैनर लगाए थे. इसको लेकर यूपी की राजनीति में काफी हलचल हुई थी. स्थानीय लोगों ने इसके लिए प्रशासन और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया था. उनका कहना था कि पुलिस उनकी मदद के बजाय उन्हीं पर कार्रवाई करती है.

 

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