पेरिस की विवादित पत्रिका शार्ली एब्दो के मुख्यालय पर हुए हमले ने पूरी दुनिया में दहशत पैदा कर दी. कई देशों ने आधिकारिक तौर पर इस हमले की निंदा की है. अब भारत की इस्लामिक संस्थाओं ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है.
दुनिया की प्रतिष्ठित इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम, देवबंद के प्रवक्ता अशरफ उस्मानी का कहना है कि हम इस हमले की कड़ी निंदा करते हैं. जो शार्ली एब्दो पत्रिका ने किया था वो भी गलत था और जो हमलावरों ने किया वो भी गलत है. उन्होंने साफ किया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब किसी धर्म का मज़ाक बनाना नहीं होना चाहिए. शार्ली एब्दो पत्रिका ने पूरी दुनिया के मुसलमानों का दिल दुखाया था. उनके जज़्बातों को ठेस पंहुचाई थी. लेकिन जो घटना पेरिस में उनके दफ्तर में हुई, उसका समर्थन नही किया सकता.
देश की जानी-मानी यूनिवर्सिटी जामिया मीलिया इस्लामिया ने इस हमले को इंसानियत पर हमला करार दिया. विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. मुकेश रंजन ने कहा कि ये हमला इंसानियत के खिलाफ हमला है. ऐसा दुनिया के किसी भी कोने में हो, उसकी निंदा होनी चाहिए. किसी भी समस्या का हल निकालने के लिए तर्क-वितर्क किया जा सकता है. हिंसात्मक कार्रवाई इसका हल नहीं.
उधर, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने इस मामले में कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया. एएमयू के प्रवक्ता डॉ. राहत अबरार ने कहा कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है. इस पर राय देना उचित नहीं होगा. इस तरह के मामलों से एएमयू को अलग ही रहना चाहिए.