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दाढ़ी काटना या दाढ़ी न बढ़ाना दोनों गैरकानूनी और बड़ा गुनाह: फतवा

इस्लामी शिक्षण संस्थान दारूल उलूम देवबंद ने फतवा जारी कर कहा है कि दाढ़ी बनाना गैर इस्लामी है जिसे लेकर बहस शुरू हो गई है.

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इस्लामी शिक्षण संस्थान दारूल उलूम देवबंद ने फतवा जारी कर कहा है कि दाढ़ी बनाना गैर इस्लामी है जिसे लेकर बहस शुरू हो गई है.

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यह फतवा देवबंद के बदजिया उल हक इलाके में एक सैलून चलाने वाले मोहम्मद इरशाद और मोहम्मद फुरकान के एक सवाल के जवाब में जारी किया गया. संस्थान इसी इलाके में स्थित है. फतवा जारी करने वाले दारूल इफ्ता विभाग ने इस फतवे में कहा है कि दाढ़ी बनाना या उसे छांटना शरिया कानून के खिलाफ है और इसलिए ऐसा करना गैर इस्लामी है.

ये है फतवे के पीछे दलील
फतवा के अनुसार, ‘शरिया हमें किसी भी धर्म के व्यक्ति की दाढ़ी काटने की इजाजत नहीं देता. अगर कोई इस व्यापार में लगा हुआ है तो उसे कोई दूसरा काम करने की कोशिश करनी चाहिए.’ फतवे का पालन करते हुए आसपास के इलाकों के नाइयों ने दाढ़ी बनाने का काम बंद कर दिया है और अपनी दुकानों के दरवाजे पर फतवे की कॉपी लगा दी है.

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'दाढ़ी काटना या न बढ़ाना दोनों गैरकानूनी'
संस्थान पूर्व में कह चुका है कि दाढ़ी रखने के बाद उसे काटना या दाढ़ी न बढ़ाना दोनों ‘गैरकानूनी और बड़ा गुनाह है.’ इसने पूर्व में कहा था, ‘आपको अल्लाह में यकीन रखते हुए अपनी दाढ़ी बढ़ानी शुरू कर देनी चाहिए और साथ ही मजबूती के लिए अल्लाह से दुआ करना चाहिए.’

मौलवी मौलाना असगर अब्बास ने इस बाबत पूछे जाने पर कहा कि दाढ़ी को छोटा बनाए रखने के लिए उसे काटने में कोई नुकसान नहीं है. हालांकि उन्होंने कहा, ‘दाढ़ी बनाने से बचना बेहतर होगा.’

- इनपुट भाषा

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