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कानपुर: नगर निगम की जमीन पर दावत-ए-इस्लामी का मदरसा! गुप्त चिट्ठी से हड़कंप

कानपुर में नगर निगम की जमीन पर दावत-ए-इस्लामी का मदरसा होने का दावा किए जाने के बाद हड़कंप मच गया है. एक गुप्त चिट्ठी के जरिए यह दावा किया गया है जिसके बाद अब नगर निगम के अधिकारी मामले की जांच में जुटे हुए हैं.

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दावत-ए-इस्लाम का दफ्तर
दावत-ए-इस्लाम का दफ्तर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गुप्त चिट्ठी की जांच में जुटे अधिकारी
  • दावत-ए-इस्लामी की तरफ से नहीं आया बयान

उत्तर प्रदेश के कानपुर में नगर निगम को गोपनीय पत्र भेजकर दावा किया गया है कि नगर निगम के स्कूल की जमीन पर दावत-ए-इस्लामी का मदरसा बनाया गया है. चिट्ठी मिलने के बाद नगर निगम ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
 
उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या के बाद चर्चा में आए पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी का देश के कई शहरों में गहरी पैठ बन चुकी है. दावा किया जा रहा है कानपुर में तो इसकी इतनी पहुंच है कि नगर निगम के सरकारी स्कूल पर ही मदरसा बनवा दिया गया.

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यह आरोप एक गोपनीय पत्र में लगाया है, जिसकी अब जांच की जा रही है. जहां पर दावत-ए-इस्लामी का ये मदरसा चल रहा है, वह छोटे मियां का हाता कहलाता है जिसे आपराधिक क्षेत्र माना जाता है. इस इलाके में शातिर अपराधियों का बोलबाला है. इस मामले पर दावत-ए-इस्लामी के लोगों से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन किसी ने भी अपना पक्ष नहीं रखा.

कानपुर नगर निगम के सम्पत्ति विभाग को एक गोपनीय पत्र भेज कर यह शिकायत की गई है. शिकायती चिट्ठी में कहा गया है कि छोटे मियां के हाते में नगर निगम के दो स्कूल थे, जिसकी जमीन पर दावत-ए-इस्लामी के लोगों ने कब्जा करके पांच मंजिला मदरसा बना लिया है. 

कर्नलगंज क्षेत्र में यह मदरसा इसी साल से संचालित किया जा रहा है. दावत-ए-इस्लामी के इस  5 मंजिला इमारत के बाहर इंग्लिश और उर्दू में बड़े-बड़े अक्षरों में दावत-ए-इस्लामी इंडिया लिखा है. 

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शिकायती पत्र में कहा गया है कि 6 महीने पहले उसी स्थान पर नगर निगम द्वारा 2 प्राथमिक विद्यालय संचालित किए जाते थे. दोनों स्कूल करीब 800 वर्ग गज जमीन पर बने  हुए थे. भू माफियाओं ने अधिकारियों से मिलीभगत कर 800 वर्ग गज जमीन बेच डाली.  300 वर्ग गज की रजिस्ट्री अवैध तरीके से दावत-ए-इस्लामी संगठन के नाम कर दी गई.

ये वही क्षेत्र है जहां 3 जून को कानपुर में बवाल हुआ था. इससे पहले एनआरसी विवाद के बाद हिंसा भी इसी इलाके में हुई थी.

इस मामले पर दावत-ए-इस्लामी की तरफ से कोई बात करने को तैयार नहीं हुआ. दावत-ए-इस्लामी के मदरसे के बगल में खाली बची जमीन पर मकान बनवा रहे इसरार अहमद ने कहा कि शिक्षा विभाग ने यहां से स्कूलों को शिफ्ट कर लिया है, इसलिए हम घर बनवा रहे हैं. 

इसके अलावा कानपुर डिप्टी पड़ाव पर दावत-ए-इस्लामी का एक ऑफिस भी है जो गुरब उल्लाह वाली मस्जिद के सेकेंड फ्लोर पर चल रहा है. वहीं मदरसे के मामले में  नगर निगम के अपर नगर आयुक्त ने कहा कि हम शिकायत की जांच कर रहे हैं.

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