गौतमबुद्ध नगर में कोरोना वायरस की सुनामी जारी है. बीते 21 दिनों के अंदर ही कोविड-19 के संक्रमण की वजह से रिकार्ड 207 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 24,402 लोग संक्रमित पाए गए हैं. अगर पहली और दूसरी कोरोना लहर का तुलनात्मक अध्ययन करें तो कोरोना की पहली लहर में एक वर्ष में मात्र 91 लोगों की मौत हुई थी. जबकि दूसरी लहर में 21 दिन के अंदर ही अब तक 207 लोगों की मौत हो चुकी है.
दिल्ली से सटे गाजियाबाद की बात करें तो यहां पर भी कोरोना संक्रमण से रोजाना औसतन 16 लोगों की मौत हो रही है. हैरानी की बात ये है कि इसमें से लगभग पांच मौत आईसीयू या वेंटिलेटर बेड ना मिलने की वजह से हो रही हैं. हालात बेकाबू होते देख ग़ाज़ियाबाद में अब तक 53 अस्पतालों को कोविड अस्पताल में तब्दील किया जा चुका है. इन अस्पतालों में कुल 3173 सामान्य बेड और 747 आईसीयू-वेंटिलेटर बेड का इंतेज़ाम किया गया है लेकिन मरीज़ों की बढ़ती संख्या से ये आईसीयू और वेंटिलेटर भी कम पड़ रहे हैं.
हाल ही में प्रशासन ने मरीजों की मदद और जानकारी के लिए कोविड हेल्पलाइन और कोविड अस्पतालों के नंबर भी जारी किए हैं. प्रशासन ने कोविड नोडल अफसरों के नंबर भी जारी किए थे. लेकिन कोविड हेल्पलाइन और अस्पतालों में संपर्क नहीं होने से मरीज परेशान हो रहे हैं.
ये आंकड़े वे हैं जो सरकारी कागजों में दर्ज हैं. जबकि ऐसे कितने ही मामले हैं जिन पर सरकार की नजर नहीं है. यूपी के देवरिया जिले की बात करें तो वहां के एक गांव अंडीला में अब तक 15 दिन के भीतर 20 मौतें हो गई हैं लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है, एक भी प्रशासनिक अधिकारी गांवों में नहीं पहुंच रहे हैं. वैसे में शहर और गांव मिलाकर यूपी की असली तस्वीर है क्या है वह तो सरकारी आंकड़ों में आ ही नहीं रही है.