अगले साल हथियारों का सबसे बड़ा मेला लखनऊ में लगने जा रहा है. लखनऊ में 5 से 8 फरवरी के बीच आयोजित होने वाले 11वें डिफेंस एक्सपो इंडिया-2020 की थीम 'भारत: उभरता हुआ रक्षा विनिर्माण केंद्र' रखा गया है.
डिफेंस सेक्टर में तेजी से उभरते उत्तर प्रदेश में आयोजित होने जा रहे इस मेले में दुनियाभर के अत्याधुनिक हथियारों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी. इससे पहले लखनऊ में एरो इंडिया शो होने वाला था, लेकिन राजनीतिक विरोध के चलते इसे रद्द कर गया था.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक डिफेंस एक्सपो भारतीय रक्षा उद्योग के लिए अपनी क्षमताओं को दिखाने और निर्यात की संभावना तलाशने के लिए एक बेहतरीन मौका है. इस बार डिफेंस एक्सपो में डिफेंस के डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन पर फोकस किया जाएगा.
We in the Ministry of Defence welcome Defence Industry OEMs, Exhibitors and Ministerial level delegations from the foreign countries including visitors from all over the world, to display their latest innovations in #DefExpo2020. https://t.co/j00BEPuC1M
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 21, 2019
डिफेंस एक्सपो के दौरान यूपी को डिफेंस सेक्टर के लिए तेजी से उभरते निवेश ठिकाने के रूप में दर्शाया जाएगा. रक्षा मंत्रालय का कहना है कि उत्तर प्रदेश में मजबूत रक्षा औद्योगिक आधारभूत ढांचा है. उत्तर प्रदेश में एचएएल की 4 यूनिट, 9 ऑर्डिनेंस फैक्ट्री यूनिट हैं. भारत के दो रक्षा औद्योगिक गलियारों (डीआइसी) में से एक की योजना उत्तर प्रदेश में भी है.
रक्षा एक्सपो प्रमुख विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं को भारतीय रक्षा उद्योग के साथ सहयोग करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देने में मदद करने का अवसर प्रदान करेगा. यह प्रदर्शनी रक्षा क्षेत्र में निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य के रूप में उत्तर प्रदेश के उद्भव को भी उजागर करेगी और उद्योग में गठबंधन और संयुक्त उपक्रमों के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगी.
उत्तर प्रदेश में रक्षा औद्योगिक का मजबूत बुनियादी ढांचा है. इसमें लखनऊ, कानपुर, कोरवा और नैनी (प्रयागराज) में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की चार इकाइयां हैं, नौ आयुध निर्माणी इकाइयां हैं, जिनमें कानपुर, कोरवा, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद और गाजियाबाद में भारत लिमिटेड की एक इकाई शामिल हैं.
डिफेंस कॉरिडोर से सूक्ष्म, छोटे और मझोले रक्षा उद्यम को बढ़ावा मिलेगा. इसमें भारतीय रक्षा उद्योग शामिल हैं और रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बढ़ावा देंगे. तमिलनाडु में भी रक्षा उद्योग स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है. इस DefExpo से प्रमुख विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) को भारतीय रक्षा उद्योग के साथ सहयोग करने और माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की 'मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा मिलेगा.