उन्नाव रेप केस मामले में पीड़िता और उसके परिवार की सुरक्षा के मद्देनजर दिल्ली की कोर्ट ने खास संवेदनशीलता दिखाते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव से जवाब मांगा है. उन्नाव रेप पीड़िता का इलाज दिल्ली के एम्स में हो रहा है लेकिन उसके परिवार के लोग अभी भी उत्तर प्रदेश में ही हैं. ऐसे में पीड़िता के परिजनों की जान के खतरे को लेकर मामले की सुनवाई कर रहे तीस हजारी कोर्ट के जज धर्मेश शर्मा ने यूपी के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है.
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने पूछा है कि पीड़िता और उसके परिवार को किसी सुरक्षित जगह पर स्थानांतरित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा क्या बंदोबस्त किए जा सकते हैं? कोर्ट ने पूछा कि पीड़िता, उसकी की मां, दो छोटी बहनों और भाई को उत्तर प्रदेश या किसी पड़ोसी राज्य में किस जगह सुरक्षित रखा जा सकता है? साथ ही कोर्ट ने उन्हें वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए भी कहा है.
चीफ सेक्रेटरी देंगे जवाब
यूपी के चीफ सेक्रेटरी को इन तमाम सवालों के जवाब अगली सुनवाई पर कोर्ट में दाखिल करने होंगे. उन्नाव रेप केस की पीड़िता ने हाल ही में अपना बयान कोर्ट के सामने दर्ज कराया है. जिसके लिए एम्स में ही अस्थाई कोर्ट बनाकर पीड़िता के बयान जज के सामने रिकॉर्ड किए गए थे. इस पूरे मामले की सुनवाई से मीडिया को दूर रखा गया था. इस मामले में बीजेपी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत बाकी आरोपी फिलहाल दिल्ली में तिहाड़ जेल में हैं.
दरअसल, इस केस के इन्वेस्टिगेटिंग अफसर ने कोर्ट को बताया था कि पीड़िता के परिवार को जान का खतरा है जिसके बाद जज ने इस मामले में चीफ सेक्रेट्री से जवाब मांगा है. कोर्ट हर हाल में यह सुनिश्चित करना चाहती है कि पीड़िता के परिवार की जान को किसी तरह का कोई खतरा ना हो और जिस तरह से सड़क दुर्घटना की शिकार पीड़िता फिलहाल अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है. वो अपने कई परिजनों को खो चुकी है, इस तरह की पुनरावृत्ति भविष्य में ना हो. मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी.